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मंगल आरति प्रिया प्रीतमकी...

आरती - मंगल आरति प्रिया प्रीतमकी...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


मंगल आरति प्रिया प्रीतमकी । मंगल प्रीति रीति दोउनकी ॥

मंगलकान्ति हँसनि दसननकी । मंगल मुरली बीनाधुनकी ॥

मंगल बनिक त्रिभंगी हरिकी । मंगल सेवा सब सहचरकी ॥

मंगल सिर चंद्रिका मुकुटकी । मंगल छबि नैननिमें अटकी ॥

मंगल छटा फबी अँग अँगकी । मंगल गौर स्याम रसरँगकी ॥

मंगल अति कटि पियरे पटकी । मंगल चितवनि नागरनटकी ॥

मंगल शोभा कमलनैनकी । मंगल माधुरि मृदुल बैनकी ॥

मंगल बृंदाबन मग अटकी । मंगल क्रीड़न जमुना तटकी ॥

मंगल चरन अरुन तरुवनकी । मंगल करनि भक्तिहरि जनकी ॥

मंगल जुगलप्रिया भावनकी । मंगल श्रीराधा-जीवनकी ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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