हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|युगलप्रियाजी| सुनिये नाथ गरीब निवाज , आ... युगलप्रियाजी श्रीगुरुदेव भरोसो साँचौ ।... साधुनकी जूँठन नित लहिये ,... माई मोकों जुगलनाम निधि भा... सुभग सिंहासन रघुराज राम ।... नैन सलोने खंजन मीन । चंच... मिलन अनूठी प्यारे तिहारी ... बाँकी तेरी चाल सुचितवनि ब... बीर अबीर न डारौ । अँखिया... माई उमड़ि घुमड़ि घन आये । ... ब्रजमंडल अमरत बरसै री । ... राधा -चरनकी हूँ सरन । छत... जय राधे , श्रीकुंज बिहारि... नाथ अनाथकी सब जानै ॥ ठा... प्रीतम रूप दिखाय लुभावै ।... रूप किरिकिरी परी नैनमें ,... स्याम स्वरूप बसो हियमें ,... कोई दुख जानै नहिं अपनो , ... नयननि नींद हिरानी , बोली ... होरी -सी हिय झार बढै री ।... साँवलियाकी चेरी कहौ री ॥... मन तुम मलिनता तजि देहु । ... दृग , तुम चपलता तजि देहु ... पापनिको सँग छाँड़ि जतन कर ... यह तन इक दिन होय जु छारा ... बगुला भक्तन सौ डरिये री ... सुनिये नाथ गरीब निवाज , आ... मेरे गति एक आप , दूजो कोऊ... बृंदाबन अब जाय रहूँगी , ब... चरन चलौ श्रीवृंदावन मग , ... ब्रजलीला रस भावै अब तौ , ... आओ प्यारे ह्रदय -सदनमें ,... मैं पाऊँ कृपाकरि मोहिनी ,... बृंदाबन रस काहि न भावै । ... जय श्रीजमुने कलि -मल हारि... ज्ञान शुभ कर्मको सुथल मिथ... मंगल आरति प्रिया प्रीतमकी... भजन - सुनिये नाथ गरीब निवाज , आ... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanyugalpriyajiभजनयुगलप्रियाजी राग झँझौटी - ताल चर्चरी Translation - भाषांतर सुनिये नाथ गरीब निवाज, आई सरन तुम्हें सब लाज ॥ अधम-उधारन बिरद सम्हारन, त्रिभुवनके, सिरताज । कुंजद्वार हौं खड़ी कबैकी, त्राहि त्राहि महराज ॥ करुनाकर अब बोलि लीजिये, करिये बिलम न आज । जुगलप्रियाको अभय कीजिये, यह नहिं कछु बड़ काज ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 25, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP