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सांख्यायन गृह्यसूत्र

सांख्यायन गृह्यसूत्र;Śāṅkhāyana-gṛhya-sūtra  
Variations : सां. गृ.; Sán. S.; San. S. ; Sāṅkhyāyana Gr. Sūtra; Sāṅkhyāyana Gr. Sūtra; Sāṅ. Gṛi. Sūtras; Sāṅkhya; Sāṅkhya S.; ŚāṅkhGṛ.; Sāṃkhyas.; Sāṃkhyas.

अङ्कलक्षण   अद्वैतिन्   अनाहनस्य   अनुजुष्   अनुपचरित   अनुपूरण   अनूर्ध्वज्ञु   अनेकात्मवादिन्   अन्तर्   अन्ववहृ   अन्वाकृति   अपगृह्य   अपधू   अपनु   अपमानित   अपशव्य   अपहस्तक   अपुत्रिय   अभिघार   अभिरम्   अभिवद्   अभ्यावृत्   अभ्युत्सिच्   अरिक्त   अर्थदर्पण   अलक्ष्मी   अवगुण्ठ्   अवनिज्   अवनिनी   अविच्छिन्न   अविधवा   अविनिपात   अविप्रवास   असंस्कृत   असम्प्रमाण   अहम्पदार्थ   अहश्चर   आखर   आग्रयणी   आघोषिणी   आचम्   आच्छद्   आज्यलेप   आधिकारिक   आनर्तन   आपूर्यमाणपक्ष   आप्लु   आबद्ध   आमुष्यायण   आवीतिन्   आश्वयुजीकर्मन्   आसिच्   आस्यन्द्   आहनस्या   इतिहोति   उञ्छ्   उत्तरशान्ति   उत्तराश्रमिन्   उत्थान   उत्सादन   उदग्द्वार   उदमन्थ   उद्द्रुत्य   उद्वप्   उन्नीयम्   उपकनिष्ठिका   उपकरण   उपनयन   उपनी   उपपर्वन्   उपरत   उपलिप्   उपवस्   उपसंगृह्य   उपस्तरण   उपस्थ   उपस्थपाद   उपाकरण   उपार्ध   उपावरुह्   उपावरोहण   उपाश्रित   उभयतःसुजात   ऋतुवेला   ऋषिस्वाध्याय   एकग्रामीण   एकात्मपक्ष   एधस्   औपनिषद   काककदली   काकातनी   कालक्लीतक   किंचिद्   कुलंकुल   कूप   कृतमङ्गल   केशपक्ष   केशाग्र   केशान्त   कोशातकी   कौतुकगृह   क्रमण   क्रियावत्   क्षुद्रसूक्त   गणकाम   गर्त   गर्भरक्षण   गायत्री   गार्गी   गार्ग्य   गावेधुक   गुण   गुप्   गुरु   गुरुशुश्रूषा   गृत्समद   गृह्य   गृह्यसूत्र   गै   गोग्रास   गोत्रनामन्   गोदान   गोपशु   गोपायन   गोलक   गौतमि   ग्रामकाम   ग्रामाध्ययन   ग्रामारण्य   ग्रास   घटभव   घृतसमुद्र   घृतौदन   घोषिणी   घ्राण   चण्डाल   चतुर्थम्   चतुर्थीकर्मन्   चतुर्दशी   चतुर्बिल   चतुष्पद्   चरिष्णु   चित्तधारण   चूडाकर्मन्   छद्   छिद्   जघनेन   जनिमत्   जन्मतिथि   जवन   जातकर्मन्   जातूकर्ण्य   जारघ्नी   जालिका   जैमिनि   ज्ञातिमत्   डिम्भ   तक्षक   तडाग   तद्धित   तद्वत्   तन्तुमत्   तपोबल   तिग्म   तिथि   तिल्विल   तुन्दिल   तृप्   तेदनी   तैत्तिर   त्रिःश्वेत   त्रिपक्ष   त्रिपद्   त्रिपुण्ढ्र   त्रिवर्ण   त्रिवृत्   त्रिसंध्यम्   त्वष्टृ   दक्षिणपश्चार्ध   दण्डप्रदान   दधिसमुद्र   दभ्र   दर्भपिञ्जूल   दर्भसूचि   दर्व   दर्शन   दर्शनीय   दर्शपूर्णमासदेवता   दशदशिन्   दशा   दीधितिमत्   दुःस्वप्नदर्शन   दूषण   देवकुल   देवरघ्नी   द्वारफलक   धनपति   धनिष्ठा   धुवन   नभ्य   नवकृत्   निकाम   निखर   नित्योदक   नित्योदकिन्   नुद्   न्यायोपेत   न्यूनाधिक   पञ्चर्च   पञ्चवृत्   परिव्यावृज्   पाकसंस्था   पाण्यास्य   पादकुठारिका   पादतस्   पावमान   पितृदैवत   पित्र्य   पिपीषत्   पिशिताम   पुंसवत्   पुनःप्राध्येषण   पुनःप्रायणीय   पुनरागम   पुरुपशु   पुरुष   पूर्ण   पूर्णपात्र   पूर्णमुष्टि   पूर्णविघन   पूर्वापररात्रि   पूषन्   पृ   प्रकाश   प्रखुद्   प्रणीताचरु   प्रतिग्रहण   प्रतिलीन   प्रत्यवरुह्   प्रत्यात्मिक   प्रत्यानीक   प्रदक्षिण   प्ररुद्   प्रलुभ्   प्रवचनीय   प्रसादभाज्   प्रागाहुति   प्राग्ज्योतिष   प्राग्द्वार   प्राचीनावीत   प्राधी   प्राध्ययन   प्राध्येषण   प्रावर्षिन्   प्राशनार्थीय   प्रेतस्पर्शिन्   प्लव   फण   बहिर्मण्डलस्थ   बह्वौषधिक   बालावबोधपद्धति   बृहती   ब्रह्मयोनि   ब्रह्मवृंद   ब्राह्मणजुष्ट   भद्रकाली   भप्रशस्त   भरद्वाजधन्वन्तरि   भाषिक   भित्त   भिन्नकाल   भौतिक   मख   मण्डु   मधुवातीय   मधूक   मन्द्र   मयोभू   मषम्   महादमत्र   महाभ्र   महाशाम्बवक   महाहेमवत्   मांडव्य   मातृयाग   मातृवंश   मात्स्य   माधुपर्किक   मुद्गौदन   मूलफल   यच्छन्दस्   यज्ञसंस्था   यथागम   यथापरीत्तम्   यथाप्रधानम्   यथारूपम्   यथाविभागम्   यथासुखम्   यथासूक्तम्   याम्य   यावत्कालम्   युग्म   रक्त   रक्तकृष्ण   रति   रस   रात्रिसूक्त   रिक्थभागिन्   रिक्थभाज्   रुचित   लोकतस्   वध   वरक   वरूथ्यदेशे   वर्चस्य   वर्णक   वर्षवत्   वर्षा   वर्षिन्   वसुमत्   वस्त्रान्त   विजट   विदर्व्य   विदार्व   विदार्व्य   विभागज्ञ   विरह्   विराम   विशाल   विश्रम्   विश्वमह   विषम   विष्णुशयनबोधदिन   वृत्   वेदादि   वैणु   वैवाह्य   वैशाख   वैशालेय   वैश्वामित्री   व्युदक   व्यूढजानु   व्रतहानि   शची   शरण्य   शर्कराकर्षिन्   शर्करावर्षिन्   शवरूप   शांखायन   शाकपिण्डी   शाक्वर   शाखापशु   शान्तिपात्र   शान्तिभाजन   शुक्रिय   शुन   श्रवण   श्रविष्ठीय   श्राद्धभोजन   श्राद्धसूतकभोजन   श्रैष्ठ्यतम   श्वपच   षट्कर्मन्   षडक्षर   संनिघृष्   संनिनी   संस्राव   सदापुष्पी   सदैवत   सपत्नदूषण   सपिण्डीकरण   सप्तवर्ष   समञ्जनीय   समानार्षेय   समाश्रित   समूहन   सम्पा   सम्मि   सर्वभूत   सर्वाञ्च्   सर्वान्नभूति   सवीर्य   सहधान्य   सारत्व   सीमन्तिन्   सुजात   सुप्रसू   सुमनामुख   सुवर्ष   सुवसन्त   सुवीर   सूतकभोजन   सूतिकाग्नि   सूत्रतन्तु   सूर्या   सोदर्क   सोमयज्ञ   सौपर्णव्रत   सौम्य   सौयामि   स्कन्ध   स्त्रीषूय   स्थाजिरावती   स्थावरजङ्गम   स्थेय   स्फिच्   स्फिज्   स्य   स्वदारगामिन्   हविष्यभक्ष   हिंस्य   हैरण्यस्तूप   
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