संस्कृत सूची|शास्त्रः|ज्योतिष शास्त्रः|वराहमिहीरस्य बृहत्संहिताः| अध्याय ६२ वराहमिहीरस्य बृहत्संहिताः अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ अध्याय ७२ अध्याय ७३ अध्याय ७४ अध्याय ७५ अध्याय ७६ अध्याय ७७ अध्याय ७८ अध्याय ७९ अध्याय ८० अध्याय ८१ अध्याय ८२ अध्याय ८३ अध्याय ८४ अध्याय ८५ अध्याय ८६ अध्याय ८७ अध्याय ८८ अध्याय ८९ अध्याय ९० अध्याय ९१ अध्याय ९२ अध्याय ९३ अध्याय ९४ अध्याय ९५ अध्याय ९६ अध्याय ९७ अध्याय ९८ अध्याय ९९ अध्याय १०० अध्याय १०१ अध्याय १०२ अध्याय १०३ अध्याय १०४ अध्याय १०५ अध्याय १०६ बृहत्संहिताः - अध्याय ६२ ’बृहत्संहिता’ ग्रंथात वास्तुविद्या, भवन निर्माण कला, वायुमंडळाची रचना, वृक्ष आयुर्वेद इ. विषय अंतर्भूत आहेत. Tags : brihatsamhitahoroscopevarahamihirज्योतिषबृहत्संहितावराहमिहिर कुक्कुटलक्षणाध्यायः Translation - भाषांतर कुक्कुटः त्वृजुतनूरुहागुलिः ताम्रवक्त्रनखचूलिकः सितः । रौति सुस्वरमुषात्यये च यो वृद्धिदः स नृपराष्ट्रवाजिनाम् ॥१॥ यवग्रीवो यो वा बदरसदृशो वापि विहगो बृहन्मूर्धा वर्णैः भवति बहुभिश्च रुचिरः । स शस्तः सग्रामे मधुमधुपवर्णश्च जयकृद् न शस्तो योऽतोऽन्यः कृशतनुरवः खञ्जचरणः ॥२॥ कुक्कुटी च मृदुचारुभाषिणी स्निग्धमूर्तिरुचिराननेषणा । सा ददाति सुचिर महीक्षिता श्रीयशोविजयवीर्यसपदः ॥३॥ N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2012 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP