दिवसाचे आठ व रात्रीचे आठ असे अहोरात्राचे १६ विभाग कल्पून प्रत्येक विभागाला निरनिराळी संज्ञा दिलेली आहे . प्रत्येक विभाग किंवा वेळ मध्यम मानाने पावणेचार घटिकांची म्हणजे १॥ तासांची असते . खाली जे वेळा मुहूर्त दिलेले आहेत त्यांपैकी काळ व रोग हे मुहूर्त अशुभ आहेत . ते सर्व कार्यांस वर्ज्य आहेत . बाकीच्यांच्या वेळांची त्यांच्या नांवांप्रमाणें फळें समजावीत .
तास |
दिवसाच्या वेळा |
रवि . |
चंद्र . |
मंगळ . |
बुध . |
गुरू . |
शुक्र . |
शनि . |
६ - ७॥ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
७॥ - ९ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
९ - १०॥ |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
१०॥ - १२ |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
१२ - १॥ |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
१॥ - ३ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
३ - ४॥ |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
४॥ - ६ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
तास |
रात्रीच्या वेळा |
रवि . |
चंद्र . |
मंगळ . |
बुध . |
गुरू . |
शुक्र . |
शनि . |
६ - ७॥ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
७॥ - ९ |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
९ - १०॥ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
१०॥ - १२ |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
१२ - १॥ |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
१॥ - ३ |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
३ - ४॥ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
४॥ - ६ |
शुभ |
चंचल |
काळ |
उद्योग |
अमृत |
रोग |
लाभ |
कालमानाचें कोष्टक
मराठी
६० विपळे -- १ पळ
६० पळे -- १ घटिका
२ घटिका -- १ मुहूर्त
३० मुहूर्त किंवा ६० घटिका -- १ अहोरात्र
१५ अहोरात्र -- १ पक्ष
२ पक्ष किंवा पंधरवडे -- १ मास
२ मास -- १ ऋतु
३ ऋतु -- १ अयन
इंग्रजी
१ पळ -- २४ सेकंद
६० सेकंद किंवा २॥ पळें -- १ मिनीट
२४ मिनीटे -- १ घटिका
२॥ घटिका -- १ तास
३ तास किंवा ७॥ घटिका -- १ प्रहर
८ प्रहर किंवा २४ तास -- १ दिवस ( अहोरात्र )