संस्कृत सूची|शास्त्रः|ज्योतिष शास्त्रः|बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम्| अध्याय ६९ बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ अध्याय ७२ अध्याय ७३ अध्याय ७४ अध्याय ७५ अध्याय ७६ अध्याय ७७ अध्याय ७८ अध्याय ७९ अध्याय ८० अध्याय ८१ अध्याय ८२ अध्याय ८३ अध्याय ८४ अध्याय ८५ अध्याय ८६ अध्याय ८७ अध्याय ८८ अध्याय ८९ अध्याय ९० अध्याय ९१ अध्याय ९२ अध्याय ९३ अध्याय ९४ अध्याय ९५ अध्याय ९६ अध्याय ९७ बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् - अध्याय ६९ `बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम्` हा ग्रंथ म्हणजे ज्योतिष शास्त्रातील मैलाचा दगड होय. Tags : astrologyjyotishaparasharज्योतिषपाराशरहोराशास्त्र पिण्डसाधनाध्यायः Translation - भाषांतर एवं शोध्यावशेषाङ्कं राशिमानेन वर्द्धयेत् ।ग्रहयुक्ते च तद्राशौ ग्रहमानेन वर्द्धयेत् ॥१॥सर्वेषां च पुनर्योगः पिण्डाख्यः कथ्यते द्विज ।गोसिंहौ दशभिर्गुण्यौ वसुभिर्युग्मवृश्चिकौ ॥२॥सप्तभिस्तुलमेषौ च मृगकन्ये च पञ्चभिः ।शेषाः स्वसंख्यया गुण्या ग्रहमानमथोच्यते ॥३॥जीवारशुक्रसौम्यानां दशाष्टनगसायकाः ।पञ्च शेषग्रहाणां च मानं प्रोक्तमिदं क्रमात् ॥४॥ N/A References : N/A Last Updated : July 26, 2011 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP