साधन मुक्तावलि - रघुवंशावलि
’ साधन - मुक्तावलि ’ या ग्रंथात सर्व प्रकारचे अभंग आहेत.
१. आदिनारायण
२. ब्रम्हादेव
३. मरीचि:
४. कश्यप:
५. विवस्वान्
६. श्राद्धदेव:
७. इक्ष्वाकु:
८. विकुक्षि: (शशाद)
९. ककुस्थ:
(१. पुरंजय: )
(२. इंद्रवाह:)
१०. अनेना:
११. पूथु:
१२. विश्वरंधि:
१३. चंद्र:
१४. युवनाश्व:
१५. शाब:
१६. बृहदश्व:
१७. कुवलयाश्वक:
(धुंधुमार:)
१८.द्दढाश्व:
१९. हर्यश्व:
२०. निकुंभ:
२१. बर्हणाश्व:
२२. कृशाश्व:
२३. सेनाजित्
२४. युवनाश्व:
२५. यौवनाश्व:
(मांधाता)
२६. पुरुकुत्स:
२७. असद्दस्यु:
२८. अनरण्य:
२९. हर्यश्व:
३०. अरुण:
३१. निबंधन:
३२.सत्यव्रत:
(त्रिशंकु:)
३३. हरिश्चंद्र:
३४. रोहित:
३५. हरित:
३६. चंप:
३७. सुदेव:
३८. विजय:
३९. भरुक:
४०. वृक:
४१. बाहुक:
४२. सगर:
४३. असमंजस:
४४. अंशुमान्
४५. दिलीप:
४६. भगीरथ:
४७. श्रुत:
४८. नाभ:
४९. अपर:
५०. सिंधुद्वीप:
५१. अयुतायु:
५२. ऋतुपर्ण:
५३. सर्वकाम:
५४. सुदास:
५५. सौदास:
(१ मित्रसह:)
(२ कल्मषांघ्रि:)
५६. अश्मक:
५७. मूलक:
(नारीकवच)
५८. दशरथ:
५९. ऐडविड:
६०. विश्वसह:
६१. खड्वांग:
६२. दीर्घबाहु:
६३. रघु:
६४. अज:
६५. दशरथ:
६६. श्रीराम:
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References : N/A
Last Updated : September 10, 2015
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