मुजे छोड मलुखान क्या हुवा दिवानजी ॥चाल॥
तुम बडे तीर्थवासी पेंबरके रहिवासी ।
मलुखान राजबनसी त्रिलोकमोवासी ॥मिळवणी॥
आवेरी तरा बाना क्या हुवा दिवानजी ॥१॥
मुजे आब जाती पेंबरकु कयले सर बेचनेकु ॥
मेरी सास बुरी घरकु मज हटकावे मुजकु ॥मिळवणी॥
मेरा तुट पडे दैना क्या हुवा दिवानजी ॥२॥
मेरी छोड दिया साडी रे बारीक चुनडी फाडी ।
नऊ लडया हार तोडी रे हात क्या चुडा फोडी ॥मिळवणी॥
मोती चुपे आंगणा क्या हुवा दिवानजी ॥३॥
महिपति कुला ऐका शिरमाज बडा बाका नाम
मलुखान उनका ठाणेदार दख्खन का ॥मिळवणी॥
बाजे ताण नगरखाना क्या हुवा दिवाना ॥४॥