श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - करत नहिं क्यों प्रभुपर बि...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
करत नहिं क्यों प्रभुपर बिस्वास ।
बिस्वंभर सब जगके पालक पूरैं तेरी आस ॥
सुख लगि ठोकर खात इतहिं उत, डोलत सदा उदास ।
मिलत न कबहूँ सुख बिषयामें दुखमय यह अभिलास ॥
प्रभु-पद-पदम सदा चिंतन कर छूटै जमकी त्रास ।
मन अनंत आनंदमगन नित प्रमुदित परम हुलास ॥
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Last Updated : May 24, 2008
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