हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार| नाचत गौर प्रेम अधीर ।... श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार शोभित चारों भुजा सदर्शन ,... श्लोक - नारायणं ह्रषीकेश... वन्दौं विष्णु विश्वाधार ... परम गुरु राम मिलावनहार । ... आयो चरन तकि सरन तिहारी । ... जयति देव जयति देव , जय दय... प्रभु तव चरन किमि परिहरौ ... बहु जुग बहुत जोनि फिरि हा... प्रभु तुम अपनो बिरद सँभार... अब हरि ! एक भरोसो तेरो ।... हे दयामय ! दीनबन्धो !! दी... प्रभु ! मेरो मन ऐसो ह्वै... चहौं बस एक यही श्रीराम । ... मेरे एक राम -ना आधार । ढ... हुआ अब मैं कृतार्थ महाराज... नाथ मैं थारो जी थारो च... नाथ ! थारै सरण पड़ी दासी ... नाथ ! मने अबकी बार बचाओ ... नाथ ! थारै सरणै आयो जी ... सुन्यो तेरे पतितपावन नाम ... दीनबन्धो ! कृपासिन्धो !... नाथ ! अब कैसे हो कल्याण ... एक लालसा मनमहँ धारौं । ब... कर प्रणाम तेरे चरणोंमें ल... मोकों कछू न चहिये राम । ... खड़ा अपराधी प्रभुके द्वार ... होगा कब वह सुदिन समय शुभ ... बना दो विमलबुद्धि भगवान ।... अब कित जाऊँजी , हार कर सर... नाथ अब लीजै मोहि उबार ! ... सनातन सत -चित आनँद रूप । ... हे निर्गुण ! हे सर्वगुणा... हे नाथ ! तुम्ही सबके माल... बना दो बुद्धिहीन भगवान ॥ ... मोहन , राखु पद -रजतरै ॥ ... हे स्वामी ! अनन्य अवलम्ब... पतित नही जो होते जगमें , ... सकुच भरे अधखिले सुमनमें छ... जय जगदीश हरे प्रभु ! जय ... सत्य , सनातन , सुंदर , शि... बन्धुगणो ! मिलि कहो प्रे... साधन नाम -सम नहिं आन । ज... बन्धुगणो ! मिल कहो प्रेम... भूल जगके विषयनको , जप मन ... राम राम राम भजो , राम भज ... भली है राम -नामकी ओट । ज... और सब भूले -भले ही , श्री... कर मन हरिको ध्यान , राम ग... राम -नाम गाओ संतो , राम र... करतलसों ताली देत , राम मु... प्रेममुदित मनसे कहो राम र... मुखसों कहत राम -नाम पंथ ... बिनती सुण म्हारी , सुमरो ... राम राम राम राम राम राम र... राम राम राम राम राम राम र... चाहता जो परम सुख तू , जाप... रे मन हरि सुमिरन करि लीजै... मन बन मधुप हरिपद -सरोरुह ... हरिको हरि -जन अतिहि पियार... मैं नित भगतन हाथ बिकाऊँ ।... तूँ भाइ म्हारो रे म्हारो ... पुत्र -शोक सन्तप्त कभी कर... चेत कर नर , चेत कर , गफलत... पलभर पहले जो कहता था , यह... तजो रे मन झूठे सुखकी आसा ... करत नहिं क्यों प्रभुपर बि... जगतमें स्वारथके सब मीत । ... मन , कछु वा दिनकि सुधि रा... अरे मन , तू कछु सोच -बिचा... अरे मन , कर प्रभुपर बिस्व... मूढ ! केहि बलपर तू इतरात... छोड मन तू मेरा -मेरा , अं... जगतमें कोइ नहिं तेरा रे ।... जगतमें कीजै यौं ब्यवहार ।... दुर्जन संग कबहुँ नहिं कीज... इधर -उधर क्यों भटक रहा मन... शुद्ध , सच्चिदानंद , सनात... मन सत -संगति नित कीजै । ... स्याम मोहि तुम बिन कछु न्... स्याम ! अब मत तरसाओजी । ... ऊधो ! तुम तो बड़े बिरागी ... बनहिं बन स्याम चरावत गैया... ऊधो मध्पुरका बासी । म्हा... बिदुर -गह्र स्याम पाहुने ... नंदसुत चुपकै माखन खात । ... स्यामने मुरली मधुर बजाई ।... माधव ! हौं तुम्हरे संग... नाचत गौर प्रेम अधीर ।... स्याम मोरे ढिगते कबहुँ न ... स्याम तव मूरति ह्रदय समान... जिन्हके आँगन नाचत नित -प्... प्रभु ! मैं नहिं नाव चला... प्रभु बोले मुसुकाई । जात... ऊधौ ! सो मनमोहन रूप । ज... अब तो कुछ भी नहीं सुहावै ... मिलनेको प्रियतमसे जिसके ... देख दुःखका बेष धरे मैं नह... सूर्य -सोममें , वायु -व्य... इस अखिल विश्वमे भरा एक तू... देख एक तू ही तू ही तू । स... परम प्रिय मेरे प्राणाधार ... पिता चले , जननी भी बिछुड़ी... बाल , युवा , वृद्धावस्था ... ' मै- मै' कहता भटक रहा, ... समझा , इस 'मै ' में औं त... प्रियतम ! न छिप सकोगे , ... स्वागत ! स्वागत ! आओ प्... सौंप दिये मन -प्राण उसीको... सकल जग हरिको रूप निहार !... देख निज नित्य निकेतन द्वा... भीषण तमपरिपूर्ण निशीथिनि ... ज्यों -ज्यों मैं पीछे हटत... विश्व -वाटिकाकी प्रति क्य... अनोखा अभिनय यह सं सार ! ... संत महा गुनखानी । परिहरि... विश्वपावनी बाराणसिमें संत... सर्व -शिरोमणि विश्व -सभाक... श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - नाचत गौर प्रेम अधीर ।... श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है। Tags : bhajanhanuman prasad poddarभजनहनुमान प्रसाद पोद्दार राग आसावरी - ताल धुमाली Translation - भाषांतर नाचत गौर प्रेम अधीर । भूलि सुधि हरि-नाम टेरत, बहत नैननि नीर ॥ पान करि सुचि प्रेम-अमृत, मत्त पुलकित अंग । भगत गन नाचत सकल मिलि बजत ताल मृदंग ॥ परम पावन नामकी धुनि, गूँजती आकास । बिपुल अघ संसारके पल माहिं होत बिनास ॥ N/A References : N/A Last Updated : September 25, 2008 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP