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वैभव लक्ष्मी व्रत
वैभव लक्ष्मी व्रत शीघ्र फलदायी है
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एकादशी व्रत परिचय
एकादशी व्रत करने वाला दिव्य फल को प्राप्त करता है ।
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व्रत परिचय तथा नियम
व्रत हिंदू संस्कृति एवं धर्मके प्राण है;व्रतोंपर वेद, धर्मशास्त्रों, पुराणों तथा वेदाङ्गोंमें बहुत कहा गया है ।
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व्रत का विधान
इस अति पुनीत श्री अनन्त व्रत कथा के अनुष्ठान ही से समस्त पापों का विनाश होता है और मनुष्य सुख तथा समृद्धि को प्राप्त होता है ।
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अनन्त व्रत कथा माहात्म्य
इस अति पुनीत श्री अनन्त व्रत कथा के अनुष्ठान ही से समस्त पापों का विनाश होता है और मनुष्य सुख तथा समृद्धि को प्राप्त होता है ।
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श्री अनन्त व्रत कथा
इस अति पुनीत श्री अनन्त व्रत कथा के अनुष्ठान ही से समस्त पापों का विनाश होता है और मनुष्य सुख तथा समृद्धि को प्राप्त होता है ।
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सोळा सोमवार व्रत
सोळा सोमवार व्रत
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सोळा सोमवार व्रत कथा
सोळा सोमवार व्रत कथा
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श्री उमाहेमावती व्रत - माहात्म्य
उमा हेमावती व्रत मनोभावे केल्याने संपत्ती आणि संतती प्राप्त होते.
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श्री उमाहेमावती व्रत - माहात्म्य
उमा हेमावती व्रत मनोभावे केल्याने संपत्ती आणि संतती प्राप्त होते.
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श्री उमाहेमावती व्रत - पूजाविधी
उमा हेमावती व्रत मनोभावे केल्याने संपत्ती आणि संतती प्राप्त होते.
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श्री उमाहेमावती व्रत - व्रतकथा
उमा हेमावती व्रत मनोभावे केल्याने संपत्ती आणि संतती प्राप्त होते.
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व्रत शुभ्र बुधवारचे
कुंडलीतील बुध ग्रहाचा कोप शांत करण्यासाठी हे व्रत करतात. जीवनातील सर्व प्रकारचे वैभव आणि सुख-संपत्ती प्राप्त करण्यासाठी या व्रताची कथा ऐकून विधिवत व्रत करावे.
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श्री उमाहेमावती व्रत - आरती
उमा हेमावती व्रत मनोभावे केल्याने संपत्ती आणि संतती प्राप्त होते.
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व्रत-नियम
हे व्रत समाधान, शांती, ऐश्वर्य मिळावे म्हणून, तसेच श्रीलक्ष्मीची आपल्यावर सदैव कृपा राहावी म्हणून करायचे आहे.
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व्रत करावयाचा विधी
सौभाग्यवती स्त्रियांनी हे व्रत केल्यास त्याचे उत्तम फळ मिळते. Desires of men, women observing this Vrat, are fulfilled immediately.
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श्रीमहालक्ष्मी व्रत - कथा
हे व्रत समाधान, शांती, ऐश्वर्य मिळावे म्हणून, तसेच श्रीलक्ष्मीची आपल्यावर सदैव कृपा राहावी म्हणून करायचे आहे.
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संकष्टी चतुर्थी व्रत
सर्व संकटांचा नाश करुन इच्छित फ़ळ शीघ्र प्राप्त करुन देणारे श्रीगणपतीचे व्रत.
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श्री अनन्त व्रत
इस अति पुनीत श्री अनन्त व्रत कथा के अनुष्ठान ही से समस्त पापों का विनाश होता है और मनुष्य सुख तथा समृद्धि को प्राप्त होता है ।
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व्रत पूजन की सामग्री
इस अति पुनीत श्री अनन्त व्रत कथा के अनुष्ठान ही से समस्त पापों का विनाश होता है और मनुष्य सुख तथा समृद्धि को प्राप्त होता है ।
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अनंतचतुर्थी व्रत कथा
अनंतचतुर्थी व्रत कथा
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सोळा सोमवार व्रत
सोळा सोमवार व्रत
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रोग हनन व्रत - सुतहीनत्वदोषहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - अतिसारहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - मन्दाग्नि उपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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प्रदोष व्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति, तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है और अंतरात्मा शुद्ध होती है ।
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रोग हनन व्रत - ज्वरार्तिहरतन्त्नव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - गलगण्डहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - रक्तपित्तोपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - गलगण्डहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - अर्शहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - वन्ध्यात्वहरगौरीव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - शेफसव्रणहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - उपोदघात
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - विषूचिकोपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - उदरगुल्महरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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सत्यनारायण व्रत - सामग्री एवं पूजन विधि
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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रोग हनन व्रत - ज्वरहरर्पणव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - यक्ष्मान्तक सानुष्ठान व्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - सर्वज्वरहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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प्रायश्चित्तव्रत - व्रत ३६ से ४१
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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प्रायश्चित्तव्रत - व्रत ६ से १०
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - यक्षान्तक दानव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - नेत्रगतसर्वरोगोपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - पापसम्भूत ज्वरहरव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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सत्यदत्त व्रत कथा - अध्याय दुसरा
योगीश्वर श्रीदत्तप्रभूंचे श्रेष्ठ व पापनाशक असे माहात्म्य, श्रीसत्यदत्तव्रतातून व्यक्त होणारे असून मनुष्यांना तात्काळ सिद्धी देणारे आहे.
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प्रायश्चित्तव्रत - व्रत १ से ५
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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प्रायश्चित्तव्रत - व्रत २१ से २५
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रोग हनन व्रत - राजयक्ष्मोपशमनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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सत्यदत्त व्रत कथा - अध्याय चवथा
योगीश्वर श्रीदत्तप्रभूंचे श्रेष्ठ व पापनाशक असे माहात्म्य, श्रीसत्यदत्तव्रतातून व्यक्त होणारे असून मनुष्यांना तात्काळ सिद्धी देणारे आहे.
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