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आस एक आकेलेसे लागा ताये म...

कबीर के दोहे - आस एक आकेलेसे लागा ताये म...

कबीर के दोहे

हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।
Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".


आस एक आकेलेसे लागा ताये माया ममता उठ भागा ।

साचारे बाप हमारा निरंजन मिला तो भायगा जागा ॥ध्रु०॥

दुरमती दादी हंकार दादा परदा बीच बनाया ।

गुरु ग्यानका गोला छूटा उड गया दुरमत कागा ॥१॥

आनंद स्वामी वह रंग बाजा गगनमंडल बिच गाजा ।

रंजत मेहेलमें नटवा नाचे जिऊं बाल नरमानी नागा ॥२॥

पांचोही तनकी भटिया चुआऊ राम रसोया पाका ।

कहे तो कबीर सुन मेरे साधु जब सोनेमें मिला सोहागा ॥३॥

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Last Updated : January 07, 2008

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