अल्ला तुझी तुहीरे मौला तुही तुहीरे ॥ध्रु०॥
बागम्यानें तबला बाजे घरमें नेहीं कोई ।
खालीं हरिमें चुवे कुडकुडे नाचन लागे डोई ॥१॥
नारद तेरी गांड भरी वे अवरत मागे दान ।
साठ सहस्त्र पौंड्र बजावे बच्चे दानोदान ॥२॥
ब्रह्मा तेरी गांड भरीबे पड गये चारी बेद ।
सरस्वतीका खेल भया जब ब्रह्मा बेटी चोद ॥३॥
कहत कबीरा सुन भाई साधु ये पद है निर्वानी ।
ये पदकी कोई करेगा निंदा उसकी नरक निशानी ॥४॥