हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|कबीर के दोहे|कबीर के दोहे २०१ से २५०| हमारो तीरथ कौन करे भटकत क... कबीर के दोहे २०१ से २५० संत गुरु संत बरे सौदागर ।... संत गुरु संत बरे सौदागर ।... संतकी चाल संसारसे भिन्न ह... साहेबसे लगानिया लागीहो ॥ ... तबसे भये बैरागी कबीरजी तब... कहो दयाल राम कौन गत । मे... गगन मंडलमों करो वासा । आव... इनेरे सुधारके मेवारने । ज... अल्ला रखेगा वैसाही रहिना ... आऊंगा ना जाऊंगा मरूंगा ना... अपने नगरके बात मैं जिनकूं... आस एक आकेलेसे लागा ताये म... हमारो तीरथ कौन करे भटकत क... हम तो भिकारी । मौजा करता ... मेरे नजरमें मोती आयो । मै... क्यां मांगू मेरे राम । थो... क्या मांगू कछु अमर नहीरे ... आपही खेल खिलाडी साहेब आपह... हमतों सदा रंग है लाल । सं... ओही हमारा सांई । और दुजा ... ज्याके चरनमें पाखान तरे ।... नाम रामसे जादा भाई । नाम ... नरहरिया प्रभु गिरिधरिया प... आखोसे साहेब देखो । वो रसन... हमतो फकीर है भाई तन महेजत... मेरा कहना मनोजी । वोही रा... कोई कछु कहो हम अटके है । ... मरगोने खेत उजारे जतन बिन ... मन माने जब तार । प्रभुजी ... तुम बिन मेरा न कोई साहेबज... देना देना दरशन वांको लोभी... हम सोई परम पद जाना है । प... चंदा झलके सब घटमाही । आदी... चंद्र खिलाये है गगनमें रे... साहेबकी कर देख सेवा हर से... साधो ये मुरदेको गाममें जु... गगनके बीच निशाना है । बाब... रमते राम फकीर कोई दिन याद... जो दम चाहे सो करले गुजरा ... हाहा रमता जोगी आयारे बाबु... कायानगरमों कायानगरमों बोल... किन बहिरीनें बहिर कियारे ... उन दरजीका कोय मरम न पाया ... सांवलिया गिरिधारी लाल खबर... आपही पीर आपही दरगा । आपही... तनका तनमों दरगा म्याने । ... काया नगर जोगी रम चले । ... जावेगा हमना निरे हंसा ॥ध्... कैसे बोलूं आपहूं गगन धरनी... ये निज आज रंग है रंग है र... अल्ला तुझी तुहीरे मौला तु... कबीर के दोहे - हमारो तीरथ कौन करे भटकत क... कबीर के दोहे हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi". Tags : dohekabirकबीरदोहे कबीर के दोहे Translation - भाषांतर हमारो तीरथ कौन करे भटकत कौन फिरे ॥ध्रु०॥ मनमें गंगा मनमें काशी मनमें स्नान करे ॥१॥ मनमें आसन मनमें कडासन मनमें धूनी जले ॥२॥ मनमें मुदरा मनमें माला मनमें ध्यान धरे ॥३॥ कहत कबीरा सुन भाई साधु भटकत कौन फिरे ॥४॥ N/A References : N/A Last Updated : January 07, 2008 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP