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विविध - चेतो कर ले राम सुमर ...
’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।
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विविध - नाम लिया हरि का जिसने...
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विविध - म्हारो लग्यो राम सैं ...
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विविध - जगमें होनहार बलवान , इस...
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विविध - नाथ ! थारे सरणे आयोजी ...
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विविध - मैं तो हूँ भगतनको दास...
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विविध - म्हाने रामजी सदा बर द...
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विविध - मैं तो गिरधर के रंग ...
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विविध - मैं तो हूँ संतन को द...
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विविध - मत बाँधो गठरिया अपजस ...
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विविध - तन धर सुखिया कोई न द...
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विविध - कैसो केल रच्यो मेरे द...
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विविध - जानकीनाथ सहाय करे , तब ...
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विविध - मनवा नाँहि विचारो, थारी म...
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विविध - भज मन चरण कमल अविनासी...
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विविध - तेरा रामजी करेंगे बेड़ा...
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विविध - मैं नहीं , मेरा नहीं , ...
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विविध - पछतायेगा , पछतायेगा फिर ...
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विविध - म्हारा नटराजा , थाँरे न...
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विविध - जय भगवद् गीते , जय भगव...
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विविध - ॐ जय जगदीश हरे , प्रभु...
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विविध - भये प्रगट कृपाला दीन ...
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विविध - मो सम कौन कुटिल खल क...
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विविध - सुने री मैंने निरबल क...
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विविध - उड़ जायगा रे हंस अकेला...
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विविध - चलो मन गंगा जमुना तीर...
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विविध - मन ! तू क्यों पछतावे ...
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विविध - उठ जाग मुसाफिर भोर भई...
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विविध - करो कोई लाख करैयो एक ...
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विविध - कैसे बैठ्यो रे आलसमें ...
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विविध - डरते रहो यह जिन्दगी , ...
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विविध - जनम लियो वाने मरणो पड़...
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विविध - जीव ! तू मत करना फिकर...
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विविध - सूरत दीनानाथसे लगी , तू...
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विविध - मनवाँ काँई कमायो रे ?...
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विविध - दो दिनका जगमें मेला , ...
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विविध - मूरख छाड़ वृथा अभिमान ...
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विविध - करी गोपालकी सब होई । ...
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विविध - आरामके साथी क्या -क्या ...
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विविध - सब दिन होत न एक समान...
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वियोग
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - मोहे तज कहाँ ताज हो ...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - आव आव भगतोंका भीड़ी आय...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - भूल बिसर मत जाना कन्ह...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - दरस म्हारे बेगि दीज्यो...
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वियोग - अरज म्हाँरी जाय कहीज्य...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - नातो नामको जी म्हाँसू ...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - साँवरिया अरज मीरा की ...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - म्हाने साची बताओ दीनान...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - प्रभुजी तुम दर्शन बिन ...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - रामा रामा रटते रटते ब...
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वियोग - थे तो पलक उघाड़ो दीनान...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - कबहूँ मिलोगे दीनानाथ !...
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वियोग - निशि दिन बरसत नैन हमा...
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वियोग - अँखियाँ हरि -दरसन की प...
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वियोग - ऊधो ! मधुपुरका बासी । ...
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वियोग - आली रे ! मेरे नैणाँ ब...
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वियोग - म्हारे जनम मरणरा साथी ...
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वियोग - आज्यो आज्यो जी साँवरिय...
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वियोग - बनमें देख्या दोय बनवास...
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वियोग - राम मिलणरो घणो उमावो ,...
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वियोग - कोई कहियो रे प्रभु आव...
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वियोग - थाँ न काँई काँई कह स...
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वियोग - ऐ श्याम ! तेरी बँसरी ...
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वियोग - थे तो पलक उघाड़ो दीनान...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - दरस बिनु दूखण लागै नै...
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वियोग - किशोरी मोहे कब अपनावोग...
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वियोग - तुम बिन मेरी कौन खबर ...
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भजन
भजन
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मीराबाई भजन
Meerabai Bhajan
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कीर्तन महात्म्य
श्री गणपती महाराज केरूरकर ह्यांचे लिखाण म्हणजे कस्तुरीचा वास शपथपूर्वक सांगणे.
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भद्रायुचरित्राख्यान
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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भद्रायु चरित्र - कीर्तन पूर्वरंगनिरुपम्
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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भद्रायु चरित्र - भद्रायु चरित्र
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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भीम भक्तिचरित्राख्यान
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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भीम भक्तिचरित्राख्यान - कीर्तन पूर्वरंग निरुपण
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भीम भक्तिचरित्राख्यान - भीमभक्तिचरित्र.
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चंद्रहासाख्यान
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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चंद्रहासाख्यान - कीर्तन पूर्वरंग निरुपण
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चंद्रहासाख्यान - चंद्रहासाख्यान
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कीर्तन आख्यान
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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मार्कंडेयाख्यान
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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मार्कंडेयाख्यान - कीर्तन पूर्वरंग निरुपणम
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मार्कंडेयाख्यान - मार्कंडेयाख्यान
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मयूरध्वजाख्यान
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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मयूरध्वजाख्यान - कीर्तन पूर्वरंग निरुपणम्
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मयूरध्वजाख्यान - मयूरध्वजाख्यान
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सेना न्हावी आख्यान
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सेना न्हावी आख्यान - कीर्तन पूर्वरंगनिरुपण
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सेना न्हावी आख्यान - सेना न्हावी चरित्र
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वत्सलाहरण
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वत्सलाहरण - कीर्तन पूर्वरंग निरुपणम
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वत्सलाहरण - वत्सलाहरण
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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जन्मभूमीचे गीत
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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गोपीचंदाख्यान
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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नामदेवचरित्र - निरुपण
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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नामदेवनिरुपण
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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प्रल्हाद चरित्र
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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राकाबंकाचरित्र.
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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याज्ञवल्क्य आणि मैत्रेयी
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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