मैलीसे गोदडीया बाबु धोवा क्यौं नहीं डारीरे ॥ध्रु०॥
तन करूं तखता मन करूं पानीरे ।
अंतको साबु लगाय धोवे गुरु ग्यानीरे ॥१॥
मैलीसी गोदडिया बाबु शीतलसा पाणीरे ।
आवेगा सुरजंग गुदढी पुरानीरे ॥२॥
जमनाको नीर तीर वहांके निरमल पाणीरे ।
आवेगो मेरा रसिया धोवेगा गोठ सुरानीरे ॥३॥
कोरिसी गगरियां बाबू ठंडासा पानीरे ।
गोदडियां धोवोरे शुद्ध गुरु ग्यानीरे ॥४॥
कहत कबीरा सुन मेरे प्राणी ।
सत्यकी मोगर मारो बाबू रसी है पुरानीरे ॥५॥