मेरा गाडीवाला तूं धीरे गाडी हांकारे ॥ध्रु०॥
गाडी तेरी रंगी बिरंगी बैल है गुलजाररे ।
हाकनेवाला छैल छबेला बैठनेवाला लालरे ॥१॥
गाडी अटके रस्तेमें मजल पडी है दूर ।
ऐसा सद्गुरु कोय नहीं मिलेगा कैची लगाया फेररे ॥२॥
सुन्नेकी तो कोठरी रुपेकी जडित आवाररे ।
तांमे भोवरा उलट समान अलकपुरसे निरबानारे ॥३॥
थानेमेसे घोडा छुटे कसबी करे पुकाररे ।
दस दरवाजे बंद हुवा जब निकल खडे आसवाररे ॥४॥
कहत कबीरा सुन भाई साधु । यहि पद है निर्वानरे ॥५॥