जिया जिन मारो मुवा मत लाना । मास बीना मत आना साधो ॥ध्रु०॥
नदीपार एक बेल बिरछवा । बिरछवाकु पात नहीरे साधो ।
उस पतवे चर जात मिरगवा । मिरगकू सीस नहीरे साधो ॥१॥
रंग महेलमों एक धनु खवा धनुखकूं फनस नहीरे साधो ।
उस धनुख लेके मार मिरगवा । मिरगकू धाव नहीरे साधो ॥२॥
आपने महेलसे निकला पारधी । हाथ लिया धनु बानारे ।
मारत बान सडा सौबिते मिरगकु धावा नहीरे साधो ॥३॥
आरबीन पारबीन चरण चंचू बिन पंखनकी हंसा साधो ।
उसही हंसकूं मार ले आवे वामे रगत न मांसा साधो ॥४॥
कहत कबीरा सुन भाई साधु ये पद है अलबेला साधो ।
इस पदका कोई अरथ बतावे । ओही गुरु हम चेला साधो ॥५॥