द्वादशराशिगतग्रहफल
जिसके जन्मसमयमें मेषराशिका चन्द्रमा होय वह पुरुष धनसंचय रहित, पुत्रादि सुख संपन्न, स्त्रीजित और उत्तम कीर्तिवाला होता है । जिसके वृषराशिका चन्द्रमा होय वह स्थिरगतिवाला, बुद्धिमान, चतुर, कमनीय, अनेक भोगयुक्त, अच्छे कर्म करनेवाला और निरन्तर सुखी होता है । जिसके मिथुनराशिका चन्द्रमा होय वह सबसे प्रीति करनेवाला, सुरकर्मकरके युक्त, स्त्रियोंके संगसे विषयमें सुख पानेवाला, स्त्रियोंको प्रिय और सबसे स्नेह करनेवाला होता है । जिसके कर्कराशिका चन्द्रमा जन्मकालमें होय वह पुत्रादिसुखसे युक्त और अनेक चतुराईकी कलामें निपुण, सुगंधपुष्पका धारण करनेवाला और जलक्रीडा करनेवाला और पृथ्वीसे धन पैदा करनेवाला होता है ॥१-४॥
जिसके सिंहराशिमें चन्द्रमा होय वह पवन और पर्वतमें संचार करनेका मनोरथ रखनेवाला, गृहमें कलहकारी, विकल और पेटकी पीडा पानेवाला और यशहीन होता है । जिसके चन्द्रमा कन्याराशिमें स्थित होय वह स्त्रियोंसे उत्तम केलि विलास कुतूहल करनेवाला, उत्तम शीलस्वभावयुक्त, कन्योत्पत्तिसे सुख पानेवाला और सर्वविधि जाननेवाला होता है । जिसके तुलाराशिका चन्द्रमा जन्ममें स्थित होवे वह बैल घोडे बेंचनेवाला, ब्राह्मण और देवताका पूजनेवाला, दान देनेवाला, बहुतस्त्रियोंका भोग करनेवाला, धन और विभवसंयुक्त होता है । जिसके वृश्चिकराशिका चन्द्रमा होय तो उसका धन राजा हरै और वह कलहको प्रिय करनेवाला, निर्बली, दुष्टमतिवाला, दुर्बल शरीरवाला, चिन्तायुक्त और स्त्रीजित होता है ॥५-८॥
जिसके धनराशिमें चन्द्रमा होवे वह अनेक कलाओंमें प्रवीण, गानेवाला, निर्मलबुद्धिवाला, उत्तम वचन कहनेवाला और थोडा धन खर्च करनेवाला होता है । जिसके मकरराशिका चन्द्रमा होय वह जलसे भय पानेवाला, गानविद्यामें निपुण, दुर्बल अंगवाला, कामातुर और अपने कुलमें उत्तम धन करनेवाला होता है । जिसके कुंभराशिमें चन्द्रमा स्थित होय वह बडा आलसी, परपुत्रोंसे प्रीति करनेवाला, निरंतर प्रसन्नतायुक्त, विचक्षण बुद्धिवाला और शत्रुका जीतनेवाला होता है । जिसके मीनराशिका चन्द्रमा होय वह जितेन्द्रिय, बडा गुणी, कुशल, हवामें लालसा रखनेवाला, शास्त्रविद्यामें कुशल और निर्बल शरीरवाला होता है ॥९-१२॥