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अध्याय ३ - भौमफल

मानसागरी - अध्याय ३ - भौमफल

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


द्वादशराशिगतग्रहफल

जिसके जन्मकालमें मेषराशिका मंगल स्थित होवे वह राजद्वारसे प्रतिष्ठा धन मान पानेवाला, साहसकर्म करनेवाला और सबका सहाय करनेवाला होता है । जिसके वृषराशिका मंगल होवे वह अपने घरमें थोडा सुख पानेवाला, पराये घरमें निवास करनेवाला और शत्रुजनोंसे सदा भय बना रहै और पुत्रपक्षसे कष्ट पानेवाला होता है । मिथुनराशिमें मंगल होय वह कुटुम्बीजनोंमें निरन्तर कलह करनेवाला और अपने स्थानसे दूर यात्रा करनेवाला और पुत्रादिकोंसे सुख प्राप्त करनेवाला होता है । जिसके कर्कराशिका मंगल होवे वह पराये घरमें निवास करनेवाला, अत्यन्त दीनभाव, दुष्टमति, बहुत शत्रुजनोंसे भयभीत, स्त्रीजित और स्त्रीसे कलहकारी होता है ॥१-४॥

जिसके जन्मकालमें सिंहराशिका मंगल पडै वह स्त्रीपुत्रादिकोंसे अत्यन्त सुख पानेवाला, बडा साहसी, शत्रुको जीतनेवाला और विनयभावसे संयुक्त होता है । जिसके जन्ममें मंगल कन्याराशिका होवै वह मित्रोंका सत्कार करनेवाला, बहुत मनुष्योंके साथ सुख पानेवाला, पठनपाठनसे युक्त और स्त्रियोंके उत्सवकर्मस्से सुख पानेवाला होता है । जिसके भौम तुलाराशिमें स्थित होय वह बहुत धन खर्च करनेवाला, अंगविहीन और बडे जनोंसे सन्तप्तशरीरवाला और स्त्रीपक्षसे दुःखित होता है । जिसके वृश्चिकराशिमें मंगल पडा होवै वह विष अग्नि और शस्त्रमें भयभीत रहता है और स्त्रीपुत्रादिकोंसे बडा सुखा पानेवाला और सर्वत्र विजय पानेवाला होता है ॥५-८॥

जिसके धनुराशिमें भौम पडे वह बडा धनी, रथ और घोडे इत्यादि वाहनोंसे सुख पानेवाला और शत्रुजनोंकरके दुःखित और श्रेष्ठस्त्रियोंसे प्रीतिभाव और सुखी रहनेवाला होता है । जिसके मकरराशिमें मंगल स्थित होवै वह संग्राममें पराक्रम दिखानेवाला, स्त्रियोंसे सुख पानेवाला और निजजनोंकी प्रतिकूलतासे अधिक भय पानेवाला और धनविभवसे सुख पानेवाला होता है । जिसके कुम्भराशिमें भौम स्थित होवै वह विनयभावसे रहित, रोगयुक्त शरीरवाला, अपने जनोंसे प्रतिकूल, दुष्टमतिवाला और पुत्रादिकोंकी उत्पत्ति होनेमें अत्यन्त दुःखी होता है । जिसके मीनराशिमें मंगल पडै वह व्यसनयुक्त, दुष्ट मतिवाला, दयाहीन, विकलशरीरवाला, अपने स्थानसे दूर यात्रा करनेवाला अनेक विपत्तियुक्त और बुद्धिहीन होता है ॥९-१२॥

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Last Updated : January 22, 2014

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