जिसके सूर्यके होरामें चन्द्रमायुक्त होय वह कामी, स्त्रीकष्टवाला, दोषी, बंधुजनोंकरके रहित, व्याधियुक्तशरीरवाला और शत्रुवाला होता है । पुनः जिसके सूर्यहोरामें चन्द्रमा युक्त होय वह मनुष्य प्रतापवान्, अनेकसुखसे युक्त, अपने भुजाओंसे उपार्जित बहुतधनवाला, स्त्रीके अभाववाला होता है । सूर्यके होरामें धर्मिष्ठ, सत्य बोलनेवाला, दानी, गुरु और देवताओंका पूजनेवाला, उपार्जितधनका भोग करनेवाला होता है । चन्द्रमाके होरामें गानेवाला, सिद्धि, राज्यलक्ष्मीकरके युक्त, सदा सुखी, पुत्रपौत्रकल्याणसहित सौ वर्ष जीता है ॥१-४॥
सूर्यके होरामें क्रूरग्रह हो तो धनधान्यविभूतिको देनेवाले होते हैं और मनुष्य आचार सत्यशीलकरके युक्त रोगी और राजाको प्यारा होता है । जिसके चन्द्रमाके होरामें शुभ ग्रह स्थित हो वह स्त्रीप्रिय, शीघ्र मैथुनगामी और बहुत कामिनी स्त्रियोंके संगवाला होता है । सूर्यकी होरामें मनुष्य कठिन, अधम, संभोगी होता है और संपूर्ण पापग्रह बलवान् हों तो जितेंद्रिय होता है । चन्द्रमाके कर्कराशिमें होरामें मनुष्य सुंदर, उत्तम मृत्यु पाता है और कामिनी स्त्रियोंका प्यारा ऐसा पुत्र उत्पन्न करनेवाला होता है ॥५-८॥
चन्द्रमाके होरामें जिसके बुध हो वह प्रसिद्ध, शुभ और साधु पत्नीका पति होता है, चन्द्रमाके होरामें बृहस्पति हो तो उत्तम मरण, तेजवाला और निंदारहित होता है, जिसके चन्द्रमाके होरामें शुक्र होय वह भोगी हुई स्त्रीका पति होता है और क्षीण चन्द्रमाकाभी फल शुक्रके समान होता है और मंगल होय तो उसकी स्त्री मरजावै और वह मनुष्य अधम होता है । सूर्य जिसके चन्द्र होरामें होय तो वह दुःखित, अत्पन्त पीडित और गुदाकी पीडावाला होता है और कर्कहोरामें शनैश्चर होय तो वह दासीका पति होता है । सूर्य जिसके अपने होरामें स्थित हो वह विद्वान, बडा पराक्रमी, जितेन्द्रिय शूरवीर और उद्यममें चित्त लगानेवाला होता है ॥९-१२॥
जिसके सूर्यकें होरामें मंगल स्थित होय वह सज्जनोंको प्रिय, शूरवीर, प्रसिद्ध, धन करके युक्त, सज्जन मित्रोंवाला और प्राप्त संपदावाला होता है । चन्द्रमा सूर्यके होरामें हो तो नीच और अनारत होता है. बुधसे दरिद्री और प्रपंची होता है और बृहस्पतिसे रोगी और निर्मल वाणीवाला होता है । जिसके सूर्यमें होरामें शुक्र होय वह चंचप बुद्धिवाला होता है और शनैश्चर होता तो श्रेष्ठ जीविकावाला होता है ॥१३॥१४॥