हिंदी सूची|व्रत|विशिष्ट व्रत|रोग हनन व्रत|
श्वयथु रोगहरव्रत

रोग हनन व्रत - श्वयथु रोगहरव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


श्वयथु ( शोथ ) रोगहरव्रत

( मन्त्नमहार्णव ) - पर्वतकी तलहटीमें, नदी आदिके तीरमें या छायाकी जगह ( वृकादिके मूल ) वे मल - मूत्र या खखार आदि त्यागनेके पापसे श्वयथु रोग होता है ( इसको कोई - कोई दमा भी मानते हैं ) । इसकी शान्तिके लिये

' सर्व इदं वो विश्वतः शरीर०'

का ३०११८ बार जप करे और

' आपो हि ष्ठा मयोभुवः०'

आदिसे चरु ( खीर ) और घीकी एक हजार आहुति दे तथा उपवास करे ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 16, 2012

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP