फकीर - सफेद कलंदर फकीर ।बाबा सफे...
भारुड - फकीर
This is the poetry by Sant Namdev especially focused to show faults in society.
सफेद कलंदर फकीर ।बाबा सफेद कलंदर फकीर ॥ध्रु॥
काम क्रोध मद मत्सर काटो । उन्मनी ज्याघर बैठ ।
मारो आसन बैठो । त्रिकुटपर करनार जिकीर ॥ १ ॥
अंदर भगवा कियो रे बाबा । जोग जुगत भरपाई ।
अल्लाके नामपर मुहर लगाई । चुकी कलमपर लिखीर ॥ २ ॥
ऎशी फकीरकी थोरी । बाबा जात कूल सब तारी ।
जनार्दनका एक कहत है । साधो सिताराम गुरु पीर ॥ ३ ॥
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Last Updated : November 10, 2013
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