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बेटकुळी - गुरुकृपा अंजन पायो मेरे भ...
भारुड - बेटकुळी - गुरुकृपा अंजन पायो मेरे भ...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
गुरुकृपा अंजन पायो मेरे भाई । रामबिना कछु खाली नाहीं ॥ १ ॥
बाहर राम भीतर राम । ज्या देखो व्हां रामहीं राम ॥ २ ॥
जागत राम सोवत राम । सपनोमें देखू तो राजाराम ॥ ३ ॥
एका जनार्दनीं भावही निका । जो देखो सो राम सरीका ॥ ४ ॥
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Last Updated : November 10, 2013
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