मराठी मुख्य सूची|मराठी साहित्य|अभंग संग्रह आणि पदे|अनेककविकृत पदें| रामतनयकृत पद अनेककविकृत पदें अनुक्रमणिका आदिनारायणकृत पदें निजानंदस्वामिकृत पदें शिवदिनकेसरीकृत पदें रंगनाथस्वामिकृत पदें शिवरामस्वामिकृत पदें मध्वनाथस्वामिकृत पदें नरहरिकविकृत पदें महिपतिकृत पदें गोपाळनाथकृत पदें आत्मारामकविकृत पदें गंगाधरकविकृत पदें पांडुरंगकविकृत पदें श्रीधरस्वामीकृत पदें श्रीधरस्वामीकृत पदें परमानंदकविकृत पद जनार्दनकृत पद राघवकविकृत पदें बल्लवकविकृत पद रामकविकृत पदें भुजंगनाथकृत पदें कोकिळकविकृत पद निरंजनकृत पदें कृष्णदयार्णवकृत पद शुकानंदकृत पदें हरिकविकृत पद निंबराजकृत पद दीनानाथकृत पद माधवकविकृत पद हनुमंतकविकृत पद शिशुमतिकविकृत पद गिरिधरकविकृत पदे मानपुरीकृत पद व्यंकटसुतकृत पद जिवनतनयकृत पद गोसावीनंदनकृत पदें गोपालात्मजकृत पदें जयरामात्मजकृत पदें शिवरामात्मजकृत पद त्र्यंबककविसुतकृत पद गंगाधरात्मजकृत पद शिवदासतनयकृत पद रामतनयकृत पद अनंतकविसुतकृत पद शुकानंदनाथतनयकृत पद राजाराम प्रासादीकृत पदें माणिकप्रभुकृत पदें रविदासकृत पदें जगजीवनात्मजकृत पद प्रेमाबाईकृत पदें गुरुदासकृत पद नारायणबोवाकृत पदें शिवदासात्मजकृत पदें वासुदेवस्वामीकृत पदें सुभरावबावाकृत पदें माधवकृत पदें अनामकविकृत पदें वासुदेवा दीनानाथा । कमललो... रामतनयकृत पद अनेककविकृत पदें. Tags : kavimarathipadकविपदमराठी रामतनयकृत पद Translation - भाषांतर श्रीगुरुचें चरणकंज हृदयीं स्मरावें ॥ध्रुवपद.॥निखिलनिगमसाधारण सुलभाहुनि सुलभ बहु ।इतर योगयाग विषयपथ कां धरावे ? ॥श्रीगुरु०॥१॥नरतनु दृढ नाव इला बुडवुनि अतिमूढपणें ।दुष्ट नष्ट कुक्कुरतनुमाजि कां फिरावें ? ॥श्रीगुरु०॥२॥रामतनय विनवी तुज आझुनि तरी उमज समज ।विषयवीष पिउनि तरी व्यर्थ कां मरावें ? ॥श्रीगुरु०॥३॥ N/A References : N/A Last Updated : March 17, 2017 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP