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लाभ कहा मानुष -तनु पाये ।...

भजन - लाभ कहा मानुष -तनु पाये ।...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


लाभ कहा मानुष-तनु पाये ।

काय-बचन-मन सपनेहु कबहुँक घटत न काज पराये ॥१॥

जो सुख सुरपुर नरक गेह बन आवत बिनहि बुलाये ।

तेहि सुख कहँ बहु जतन करत मन समुझत नहिं समुझाये ॥२॥

पर-दारा परद्रोह, मोह-बस किये मूढ़ मन भाये ।

गरभबास दुखरासि जातना तीब्र बिपति बिसराये ॥३॥

भय,निद्रा, मैथुन, अहार सबके समान जग जाये ।

सुर दुरलभ तनु धरि न भजे हरि मद अभिमान गँवाये ॥४॥

गई न निज-पर बुद्धि सुद्ध ह्वै रहे राम-लय लाये ।

तुलसीदास यह अवसर बीते का पुनिके पछिताये ॥५॥

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Last Updated : December 15, 2007

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