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कब देखौंगी नयन वह मधुर मू...

भजन - कब देखौंगी नयन वह मधुर मू...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति ?

राजिवदल-नयन, कोमल-कृपा-अयन,

मयननि बहु छबि अंगनि दूरति ॥१॥

सिरसि जटाकलाप पानि सायक चाप

उरसि रुचिर बनमाल मूरति ।

तुलसीदास रघुबीरकी सोभा सुमिरि,

भई है मगन नहिं तनकी सूरति ॥२॥

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Last Updated : December 15, 2007

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