मराठी मुख्य सूची|मराठी पुस्तके|बालबोध|आदिखंड| हिरण्यगर्भविराटतनुउत्पन्न आदिखंड मंगळाचरण आद्यखंडानुक्रमणी मध्यखंडानुक्रमणि उत्तरखंडानुक्रमणी शिष्यप्रश्ननुक्रमणी बाललक्षण बाळबोधलक्षण ब्रह्मप्रतिपादक रुद्रदृष्टांत अव्दैतनिरुपण ब्रह्म निरुपण ब्रह्मीष्ट लक्षण माया गूढ विचारणा महत्तत्वनिर्धारु मातृका विवरु ऊँकार विवरण तामसोत्पन्न सात्विकोत्पन्न रजोत्पन्न तत्वें उत्पन्न आवरण भाव कर्म धर्म गुण पंच देवता उत्पन्ननाम हिरण्यगर्भ परस्परानुप्रवेशु सूत्र न्याय प्राण व्यापार वाचा व्यापारु विराट देह पुराष्टक हिरण्यगर्भविराटतनुउत्पन्न खेचर उत्पन्न पंचविध प्रकारें कर्मलक्षण पंचप्रकारें नि:कर्म कर्मबंध कर्मयोगो नाम नरदेह इतिचत्वारो खानि शरीरनिर्धार निर्धारलक्षण दृष्टांत सप्त दृष्टांतनिर्धार निर्धारयोग सप्तवश्वनर उत्पन्न ब्रह्मांडप्रळये देवत्रय प्रलय शिष्योपदेशार्थ सुदेशीशास्त्र आदिखंड - हिरण्यगर्भविराटतनुउत्पन्न सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला Tags : balbodhamarathiबालबोधमराठी हिरण्यगर्भविराटतनुउत्पन्न Translation - भाषांतर ज्ञान पंचक कर्म पंचक । तिजें अंत:करण पंचक । ये पंधरा आणिक । सोळावें जीवत्व ॥९८॥यें आध्यात्में निभ्रांतें ख। व्यापार ते । हिरण्यगर्भी याचें उलथे । ते अधिदेवते होति ॥९९॥जो मीं बोलिलों सकळु । तो तत्पदार्थ शबळु । येथूनि त्वंपदाचा रोळु । त्रिंबकु ह्मणें ॥१००॥इति श्री चिददित्ये प्रकाशे श्रीमव्दाळावबोधे ब्रह्मसिध्देशोपदेशे पूर्णानंदे आदिखंडे हिरण्यगर्भविराटतनुउत्पन्न नाम दशम कथनमिति ॥१०॥ N/A References : N/A Last Updated : March 07, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP