सिंहकी समान तेजवाला, गजकीसी चाल, ऊंचा वक्षस्थल, लंबी छातीवाला, मोटी, सुढार दोनों बाहें तिसके तुल्य मान, कामी, कोमल शरीर, सूक्ष्म रोम, उत्तम कपोल, पंडित, कमलके समान हाथ पैर, बलवान्, योगका जाननेवाला । शंख, तलवार, हाथी, गदा, पुष्प बाण, पताका, कमल, लांगल इन चिह्नोंसे अंकित हाथ पैरवाला, मतवाले हाथीकीसी चालसे भूमिपर यात्रा करनेवाला, अच्छे कुंकुम और गंधमय शरीर, उत्तम वाणीवाला । उत्तम भौंह, अति बुद्धिमान्, शास्त्रका जाननेवाला, मान भोग सहित, छिपा हुवा गुह्यस्थान, अच्छी कुक्षी, धर्ममें तत्पर, अच्छे मस्तकवाला, धैर्यवान्, अति श्याम घूंघरवाले बालोंवाला । संपूर्ण कार्योंमें स्वतंत्र, अपने मनुष्यों पर दया करनेवाला, ऐश्वर्यका भोगनेवाला और उसके विभवको सदैव मनुष्य भोग करैं । जिसकी तुलका भार रत्नों करके तोला जाय, कान्यकुब्ज देशका स्वामी, पुत्रस्त्रीकें सुखसहित बरसकी उमरवाला राजा भद्रयोगमें पैदा होनेवाला मनुष्य होता है ॥१-५॥