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अध्याय ४ - दिग्बल

मानसागरी - अध्याय ४ - दिग्बल

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


पूर्व स्थानबल कहा अब पूर्वादि चारों दिशाओंमें अर्थात् चारों केन्द्रमें बुध, बृहस्पति, सूर्य, मंगल, शनैश्चर, शुक्र, चन्द्रमा ये ग्रह बलवान् होते हैं यथा लग्नमें बुध बृहस्पति स्थित पूर्व दिशामें बलवान् होते हैं, दशवें स्थानम्कें सूर्य, मंगल स्थित दक्षिण दिशामें बली होते हैं, सप्तमस्थानमें शनैश्चर ( राहु ) स्थित पश्चिम दिशामें बली होते हैं और चतुर्थ स्थानमें शुक्र चन्द्रमा स्थित उत्तर दिशामें बलवान् होते हैं ॥१॥

 

सूर्य मंगलमेंसे चतुर्थ भाव हीन करै, शुक्र चन्द्रमामें दशमभाव, बुध बृहस्पतिमेंसे सप्तमभाव और शनिमेंसे लग्न हीन करै । यदि शेष छः से अधिक बचै तो बारह १२ राशिमें शोधन करदेना, फिर शेषकी लिप्तापिंडी करके दश हजार आठसौका भागदेय अथवा शेषहीमें छः का भागदेय तौ ग्रहोंका ककुत् अर्थात् दिग्बल होता है और आगेका बल कहेंगे ॥१॥२॥

दिग्बलसारिणीप्रवेश ।

ग्रहोंमेंसे लग्नादि भाव कथित कर्म करके जो शेष रहे उसको ६ से कम करना अर्थात् षड्भाल्प करना । अब यहां सारिणीमें ६ राशि कोष्ठक लिखके वह कोष्ठकके नीचे रुपादि फल उसमेसे अभीग्रहका जो ६ राशिमेंसे राश्यंक होय उसके नीचेका फल लेना. राशिकोष्ठकके नीचे ३० अंशकोष्ठक और उसके नीचे ६० कलाकोष्ठक लिखा है । उसमेंसे जो ग्रहका अंश और कला आवे तत्परिमित कोष्ठकके नीचेका अंशका कलादि और कलाका विकलादि फल एकत्र करके पूर्वमें जो लिया राशिफल तिसमें युक्त करना तौ ग्रहोंका दिग्बल होता है ॥

उदाहरण - यहां सूर्य ०।८।५३।२० में चतुर्थभाव ३।०।१२।४९ हीन किया तौ शेष ९।८।४०।३१ बचे, ६ से अधिक है इसलिये १२ में घटाया तब शेष २।२१।१९।२९ रहे. अब इसका राश्यंक २ है, इसवास्ते २ राशिका फल ०।२०।० है और अंश २१ का फल ०।७।० कलादि हैं और कला १९ है, इसवास्ते १९ कलाकोष्ठकका विकलादि फल ०।०।६ यह विकलामें युक्त किया इन दोनोंका फल ७।६ पूर्व राशिफल ०।२०।० में युक्त किया तौ ०।२७।६ यह सूर्यका दिग्बल भया इसी प्रकार चन्द्रादिकोंका करना ॥

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Last Updated : January 22, 2014

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