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अध्याय ४ - उच्चाभिलाषी

मानसागरी - अध्याय ४ - उच्चाभिलाषी

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


जिसके जन्मसमय सम्पूर्ण ग्रह उच्चाभिलाषी राशियोंमें होकर बैठे वह मनुष्य राजपूज्य और अपने वंशका राजा होता है । सूर्य मीनराशिमें उच्चाभिलाषी होती है, चन्द्रमा मेषमें, मंगल धनमें, बुध सिंहमें, बृहस्पति मिथुनमें, शुक्र कुंभमें, शनैश्चर कन्याराशिमें उच्चाभिलाषी कहा है ॥१-३॥

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Last Updated : January 22, 2014

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