ग्रह केन्द्रमें कहिये, लग्न, चतुर्थ, सप्तम, दशमस्थानमें होयँ तो रुप १ बल देते हैं । ग्रह पणफर अर्थात् द्वितीय, पंचम, अष्टम, एकादश स्थानमें होयँ तौ अर्द्ध ००।३०।०० बल देते हैं और जो ग्रह आपोक्लिममें कहिये तृतीय, षष्ठ, नवम, द्वादशस्थानमें होय तौ चरण ००।१५।०० बल देते हैं ॥१॥