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गीत और कविता
हिन्दी कवियोंने आधी शताब्दीसे भी अधिक लंबे समयतक उनकी रचनाकर्मसे आधुनिक हिन्दी कविता समृद्ध की है।
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ग्राम्या
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम नारी
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - कठपुतले
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - वे आँखें
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - गाँव के लड़के
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - वह बुड्ढा
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - धोबियों का नृत्य
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम वधू
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम श्री
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - नहान
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - गंगा
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - चमारों का नाच
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - कहारों का रुद्र नृत्य
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - कठपुतले
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - चरखा गीत
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - महात्माजी के प्रति
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - राष्ट्र गान
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम देवता
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - संध्या के बाद
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - खिड़की से
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - रेखाचित्र
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - दिवा स्वप्न
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - सौन्दर्य कला
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - स्वीट पी के प्रति
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - कला के प्रति
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - आधुनिका
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - मजदूरनी के प्रति
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - नारी
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - द्वन्द्व प्रणय
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - १९४०
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - सूत्रधर
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - संस्कृति का प्रश्न
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - सांस्कृतिक ह्रदय
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - भारत ग्राम
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - स्वप्न और सत्य
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - बापू !
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - अहिंसा
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - पतझर
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - उद्बोधन
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - नव इंद्रिय
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - कवि किसान
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - वाणी !
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - नक्षत्र
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - आँगन से
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - याद
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - गुलदावदी
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - विनय
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - स्वप्न पट !
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम कवि
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम दृष्टि
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम चित्र
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - ग्राम युवती
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - पनघट पर
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत - स्त्री
ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।
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सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंतकी कविताओं में प्रकृति और सौंदर्य के रमणीय चित्र मिलते हैं,तथा उनकी कविताओं में प्रगतिवाद और विचारशीलता भी है। उनकी रचनाये मानव कल्याण की भावनाओं सो ओतप्रोत हैं।
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सुमित्रानंदन पंत - परिचय
सुमित्रानंदन पंतकी कविताओं में प्रकृति और सौंदर्य के रमणीय चित्र मिलते हैं,तथा उनकी कविताओं में प्रगतिवाद और विचारशीलता भी है। उनकी रचनाये मानव कल्याण की भावनाओं सो ओतप्रोत हैं।
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कविता संग्रह - चैती
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - कर्म की भाषा
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - असमंजस
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - पवन शान्त नहीं है
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - इच्छा
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - नन्हे
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - बात क्या है
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - झापस
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - रजनीगंधा
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - कातिक का पयान
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - क्षण की खिड़की
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - मधुमालती
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - कवि शमशेर से
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - अच्छाई
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - स्वर
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - हृदय की लिपि
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - अनुराग
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - वसंत
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - अधिभूत
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - टूटा हृदय
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - जो है सो है
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कवी त्रिलोचन - घटना
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - दुखों की छाया
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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कवी त्रिलोचन - पयोद और धरणी
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कवी त्रिलोचन - कठिन यात्रा
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कवी त्रिलोचन - आकांक्षा
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कवी त्रिलोचन - प्रकाश के रंग
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कवी त्रिलोचन - कला के अभ्यासी
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कवी त्रिलोचन - विनिमय
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कवी त्रिलोचन - मार्ग
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कवी त्रिलोचन - सारनाथ
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कवी त्रिलोचन - विपर्याय
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कवी त्रिलोचन - कह नहीं सकता
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कवी त्रिलोचन - ऐसा ही था
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कवी त्रिलोचन - मैं कृतज्ञ हूँ
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त्रिलोचन
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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त्रिलोचन - परिचय
कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
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श्री रामदासस्वामीं विरचित - प्रासंगिक कविता
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - रामरूपी भूत
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - आत्मचरित्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - डफगाणें
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - शिवाजी महाराजांस पत्र.
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - राजधर्म
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - क्षात्रधर्म
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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सेवकधर्म - समास १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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सेवकधर्म - समास २
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - विठ्ठलरूप राम
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - मातुश्रीस पत्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - श्रेष्ठ यांस पत्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता -बाग प्रकरण
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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कारखाने प्रकरण - समास १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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कारखाने प्रकरण - समास २
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - श्रेष्ठांस पत्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - मारुतीची प्रार्थना
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - सावधता प्रकरण
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - उत्तर
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - ब्रह्मपिसा
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - खंडोबाची आरती
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प्रासंगिक कविता - डफगाणें
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प्रासंगिक कविता - श्रेष्ठांच्या मुलांस उपदेश
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - प्रतापगडच्या भवानी देवीचें स्तोत्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - संभाजीस उपदेश
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - खंडोबाची आरती
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - डफगाणें
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - श्रेष्ठांच्या मुलांस उपदेश
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - भवानी देवीचें स्तोत्र
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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प्रासंगिक कविता - संभाजीस उपदेश
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - प्रथम: समास:
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अन्वयव्यतिरेक - द्वितीय: समास:
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अन्वयव्यतिरेक - तृतीय: समास:
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अन्वयव्यतिरेक - चतुर्थ: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - पंचम: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - षष्ठ: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - सप्तमः समासः
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - अष्टम: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - नवम: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अन्वयव्यतिरेक - दशम: समास:
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अन्वयव्यतिरेक - एकादश: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - भूपाळी नद्यांची
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - भूपाळी रामाची
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - ध्यान
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - सगुणध्यान
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - निर्णुंण ध्यान
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण २
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ३
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ४
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ६
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ७
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मानसपूजा - प्रकरण ८
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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अंतर्भाव - समास १
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अंतर्भाव - समास २
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अंतर्भाव - समास ३
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अंतर्भाव - समास ४
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अंतर्भाव - समास ५
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अंतर्भाव - समास ६
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आत्माराम - समास १
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आत्माराम - समास २
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आत्माराम - समास ३
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आत्माराम - समास ४
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आत्माराम - समास ५
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पंचसमासी - समास १
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पंचसमासी - समास २
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पंचसमासी - समास ३
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पंचसमासी - समास ४
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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पंचसमासी - समास ५
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करुणाष्टकें - अष्टक १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक २
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ३
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ४
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ६
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ७
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - अष्टक ८
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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करुणाष्टकें - सवाया
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - रविवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - सोमवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - मंगळवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - बुधवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - गुरुवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - शुक्रवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वारांची गीते - शनिवार
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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जनस्वभाव - गोसावी
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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दिवटा
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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पिंगळा
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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सुंदरकांड
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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कृष्णाजी नारायण आठल्ये
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - प्रस्तावना
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मंदाक्रांता]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मंदाक्रांता]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [शार्दूलविक्रीडित]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मंदाक्रांता]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मालिनी]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [इंद्रवजा]
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [भुजंगप्रयात]
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [इंद्रवज्रा]
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मंदाक्रांता]
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [शार्दूलविक्रीडित]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [भुजंगप्रयात]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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तिकुडचें पहिलें पत्र - श्लोक [मंदाक्रांता]
हे पुस्तक ' केरळकोकिळ ' या मासिकात प्रथम १९१७ साली छापण्यांत आले.
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