मादर पिदर बिरादर फरजन सुनले यारमन ।
ये सुखके संगाती तूं सुनले यारमन ॥१॥
निज नाम सुमरले क्यां बक्त पाया है ॥ध्रु०॥
तूं कहता मेरा मेरा ह्यां तेरा कौन है ।
एक दिनका है बशेरा फिर आतां कौन है ॥२॥
रावण सरीके चल गये जीनके उडते निशान ।
एक जीवनका आस क्या करता है गुमान ॥३॥
इस मायाके निशामें बेहोष हो रह्या है ।
ये माया न रहेगी क्या निंद सोया है ॥४॥
कहत कबीरजी साहेबका नाम सच्चा है ।
जो जाणे सोई सद्गुरुका बच्चा है ॥५॥