बकवा मत करना बे । खुदाका नाम जपना बे ॥ध्रु०॥
उत्तम नरदेह आया प्राणी उसका हित कछू करना ।
दौलतमें तुम मत भूल यारो नाम खुदाका जपना ॥१॥
मनुसरिखी काया यारोऐसी नहीं होनेकी ।
कितने जनम आवे जावे खाक उडेगी तनकी ॥२॥
चिराक लगाया चुना टिपाया महाल बनाया खासा ।
जब कालकी गांठ पडी तब जंगल हुवा तमासा ॥३॥
कहत कबीरा सुन भाई साधो हिंदु मुसलमाना ।
नाम खुदाका जपना यारो भवसागरमों तरना ॥४॥