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राम जपो राम जपो राम जपोरे...

कबीर के दोहे - राम जपो राम जपो राम जपोरे...

कबीर के दोहे

हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।
Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".


राम जपो राम जपो राम जपोरे । भव जल पार तरो रे ॥ध्रु०॥

अंबर जावे धरनी जावे जावे सुरज चंदा ।

जितना देखे उतना जावे पिछे ना रहे कुंदा ॥१॥

काया जावे माया जावे जावे तिनो लोक ।

गंगाजमुना सागर जावे कांहा करे जन सोक ॥२॥

मा बाप बहन भाई जोरू लरके लोक ।

जबलग संपत तबलग साती अवसर न मिले लोक ॥३॥

बेद न जानू शास्तर न जानू जानू तेरा नाम ।

कहत कबीर दास तुमारा प्रीत करो मुजे राम ॥४॥

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Last Updated : January 07, 2008

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