मराठी मुख्य सूची|मराठी साहित्य|अनुवादीत साहित्य|श्रीनारदभक्तिसूत्रें| सूत्र २० श्रीनारदभक्तिसूत्रें स्तवन सूत्र १ सूत्र २, ३ सूत्र ४ सूत्र ५ सूत्र ६ सूत्र ७ सूत्र ८ सूत्र ९ सूत्र १० सूत्र ११ सूत्र १२ सूत्र १३ सूत्र १४ सूत्र १५ सूत्र १६ सूत्र १७ सूत्र १८ सूत्र १९ सूत्र २० सूत्र २१ सूत्र २२ सूत्र २३ सूत्र २४ सूत्र २५ सूत्र २६ सूत्र २७ सूत्र २८ सूत्र २९ सूत्र ३० सूत्र ३१ सूत्र ३२ सूत्र ३३ सूत्र ३४ सूत्र ३५ सूत्र ३६ सूत्र ३७ सूत्र ३८ सूत्र ३९ सूत्र ४० सूत्र ४१ सूत्र ४२ सूत्र ४३ सूत्र ४४ सूत्र ४५ सूत्र ४६ सूत्र ४७ सूत्र ४८ सूत्र ४९ सूत्र ५० सूत्र ५१ सूत्र ५२ सूत्र ५३ सूत्र ५४ सूत्र ५५ सूत्र ५६ सूत्र ५७ सूत्र ५८ सूत्र ५९ सूत्र ६० सूत्र ६१ सूत्र ६२ सूत्र ६३ सूत्र ६४ सूत्र ६५ सूत्र ६६ सूत्र ६७ सूत्र ६८ सूत्र ६९ सूत्र ७० सूत्र ७१ सूत्र ७२ सूत्र ७३ सूत्र ७४ सूत्र ७५ सूत्र ७६ सूत्र ७७ सूत्र ७८ सूत्र ७९ सूत्र ८० सूत्र ८१ सूत्र ८२ सूत्र ८३ सूत्र ८४ नारदभक्तिसूत्र विवरण श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र २० नारद भक्ति सूत्र या ग्रंथाचे रसाळ निरूपण संत केशवराज महाराज देशनुख यांनी केले आहे. Tags : keshavraj deshamukhnaradtranslationअनुवादकेशवराज देशमुखनारद ॥अस्त्येवमेवम ॥२०॥ Translation - भाषांतर ऐसेचिं हें कळों आलें । निश्चयात्मक बाणलें । सकळांनी अनुभविलें । साधक संत महंती ॥२४२॥भक्तांमाजि अग्रगणी । गोपगोपाल वृदांवनीं । सदा श्रीकृष्ण ध्यानीं मनीं । सखे जिवलग तयांचे ॥२४३॥ N/A References : N/A Last Updated : November 16, 2015 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP