पदसंग्रह - भक्तिरत्नमाला
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
द्रुतविलंबित गण न, भ, भ, र.
श्रवणभ क्ति परिक्षिति राजया ॥ शुकमुखें बरवी घडली जया ॥
परम मोक्ष तयाप्रति लाभला ॥ वदति वेद तयसि भला भला ॥१॥
सतन कीर्तंन तें शुक नारदा ॥ विषम भाव मनीं न वसे कदां ॥
विगत मोह परिग्रह आश हो ॥ विहरतो स्वसुखें गत पाश हो ॥२॥
निशिदिनीं स्मरणीं प्रहराद तो ॥ स्थिरचरीं हरि एक अभेद तो ॥
हरि दयाळ तया जननीपरी ॥ चिरुनि काष्ठ विशिष्ठ तनू धरी ॥३॥
चरणसेवन तें करितां रमा ॥ परम सौख्य मनीं नमनीं श्रमा ॥
अनुदिनीं अधिकाधिंक आवडी ॥ हरि वियोग न साहत ते घडी ॥४॥
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Last Updated : November 11, 2016
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