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सुग्रीव

   { sugrīva }
Script: Devanagari

सुग्रीव     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
SUGRĪVA I   Bāli and Sugrīva were brothers. Their mother was Aruṇa who once put the guise of a woman. At that time he was called by the name Aruṇī. Bāli was the son born to Indra by Aruṇī and Sugrīva was the son born to the Sun by Aruṇī. Both of them were brought up in the hermitage of Gautama. When the King of Kiṣkindhā Ṛkṣarajas died, Bāli was anointed the king of Kiṣkindhā. Sugrīva lived with Bāli, serving him. At this time Bāli engaged in a battle with the asura Dundubhi. Bāli chased Dundubhi into a cave. Placing Sugrīva at the mouth of the cave, Bāli went in. By the magic and sorcery of Dundubhi, it appeared to Sugrīva that Bāli was killed by Dundubhi. Sugrīva returned to Kiṣkindhā. Bāli who came out, followed Sugrīva to kill him due to misunderstanding. Bāli chased Sugrīva all over the world. It is mentioned in [Vālmīki Rāmāyaṇa, Kiṣkindhā Kāṇḍa, Sarga 46] , that the knowledge of the lay-out of the various countries in the world that Sugrīva got in this running, helped him later, in the search for Sītā. At last Sugrīva entered Ṛṣyamūkācala. Bāli had been once cursed that if he entered this mountain his head would be broken into pieces. Hanūmān became the minister of Sugrīva. It was during this period that Śrī Rāma and Lakṣmaṇa came by that way in search of Sītā. Sugrīva and Śrī Rāma entered into a treaty. Bāli should be killed and Kiṣkindhā should be given to Sugrīva in place of which Rāma should be helped to find out Sītā and get her back. Śrī Rāma killed Bāli and gave Kiṣkindhā to Sugrīva, who sent monkey-armies in all directions to find out Sītā. Hanūmān found out Sītā and returned to Śrī Rāma, who fought a great battle with Rāvaṇa, in which battle Sugrīva took a prominent part. It was Kumbhakarṇa, who oppressed the monkey army much. When he caught Sugrīva, Kumbhakarṇa lost his ears and nose. Then he caught hold of the monkey warriors and Śrī Rāma cut off his hands with arrows. [Agni Purāṇa, Chapter 1] . After the war, when Rāma and others returned to Ayodhyā, Sugrīva also accompanied them. After that Sugrīva returned to Kiṣkindhā. After a few years Candragupta, the second son of Sahasramukha Rāvaṇa, carried away the daughter of Sugrīva. Hearing this, Śrī Rāma confronted Sahasramukha Rāvaṇa, who was killed by the arrow of Sītā. Sugrīva participated in the horse-sacrifice performed by Śrī Rāma. The control of the army was in the hands of Sugrīva, the financial affairs, with Vibhīṣaṇa and central powers, with Lakṣmaṇa. When the sacrifice was completed, Sugrīva returned to Kiṣkindhā.
SUGRĪVA II   An asura. This asura was the minister of Śumbha, an asura-chief. [Devī Bhāgavata] .
SUGRĪVA III   A horse of Śrī Kṛṣṇa. It is mentioned in [Mahābhārata, Droṇa Parva, Chapter 147, Verse 47] , that five horses Kāmaga, Śaibya, Sugrīva, Meghapuṣpa and Valāhaka were yoked to the chariot of Śrī Kṛṣṇa.

सुग्रीव     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  वानरों के राजा जो श्री राम के मित्र थे और जिन्होनें राम-रावण युद्ध में राम की बहुत सहायता की थी   Ex. सुग्रीव किष्किंधा के अधिपति थे ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
कपींद्र कपीन्द्र कपीश तारापति तारानाथ मर्कटपाल हरीश अर्कज अर्कतनय ताराधिप ताराधीश तारेश सुगल रविनंद रविनन्द रविनंदन रविनन्दन
Wordnet:
benসুগ্রীব
gujસુગ્રીવ
kanಸುಗ್ರೀವಾ
kasسُگرٛیٖو , کٔپیٖش
kokसुग्रीव
malസുഗ്രീവന്
marसुग्रीव
oriସୁଗ୍ରୀବ
panਸੁਗਰੀਵ
sanसुग्रीवः
tamசுக்ரீவன்
telసుగ్రీవుడు
urdسوگریو , تاراپتی , تاریش , کپیش , تاراناتھ , ارکج

सुग्रीव     

सुग्रीव n.  किष्किंधा नगरी का एक सुविख्यात वानर राजा, जो महेंद्र एवं ऋक्षकन्या विरजा का पुत्र था [ब्रह्मांड. ३.७.२१४-२४८] ;[भा. ९.१०.१२] । यह वालिन् का छोटा भाई था । वाल्मीकिरामायण के प्रक्षिप्त काण्ड में इसे ऋक्षरजस् नामक वानर का पुत्र कहा गया है, जिसकी ग्रीवा (गर्दन) से उत्पन्न होने के कारण इसे ‘सुग्रीव’ नाम प्राप्त हुआ था [वा. रा. उ. प्रक्षिप्त. ६] । इस ग्रंथ में अन्यत्र इसे सूर्य का पुत्र अंशावतार कहा गया है । इसके अमात्य का नाम द्विविद था [भा. १०.६७.२] । इसके एवं इसकी वानरसेना की सहायता के कारण ही, राम दाशरथि लंकाधिपति रावण जैसे बलाढ्य राक्षस पर विजय पा सका । इस कारण समस्त राजकथाओं में यह अमर हो चुका है ।
सुग्रीव n.  यह वालिन् का छोटा भाई था, जिस कारण वालिन् के सभी पराक्रमों में एवं साहसों में यह उसकी सहायता करता था । आगे चल कर मायाविन् राक्षस के युद्ध में वालिन् एक वर्ष तक किष्किंधा नगरी में वापस न आया । इस कारण उसे मृत समझ कर, यह किष्किंधा नगरी का राजा बन गया, एवं वालिन्पत्‍नी तारा को इसने पत्‍नी के रूप में स्वीकार किया । एक वर्ष के पश्चात् वालिन् किष्किंधा नगरी लौट आया, एवं इसे भ्रातृद्रोही शत्रु मान कर उसने इसे किष्किंधा राज्य से बाहर निकाल दिया । पश्चात् यह विजनवासी बन कर इधर उधर घूमने लगा । इस समय इसने समस्त भूमंडल का भ्रमण किया, एवं अंत में यह ऋष्यमृक पर्वत पर आ कर रहने लगा, जो स्थान वालि के लिए अगम्य था [वा. रा. कि. ४६] ; वालिन् देखिये ।
सुग्रीव n.  आगे चल कर ऋष्यमूक पर्वत पर, सीता की खोज के लिए आये रामलक्ष्मण से इसकी भेंट हुई । वहाँ अग्नि को साक्ष रख कर इन्होंनें आपस में मित्रता प्रस्थापित की, जिसके अनुसार इसने सीताशोध के कार्य में राम की सहायता करने का, एवं राम ने वालिन् को वध कर इसे किष्किंधा का राजा बनाने का आश्वासन दिया ।
सुग्रीव n.  पश्चात् अपने आश्वासन के अनुसार, राम ने वालिन् का वध किया एवं इसे किष्किंधा के राजगद्दी पर बिठाया । पश्चात् इसे अपनी पत्‍नी रुमा एवं वालिन् पत्‍नी तारा ये दोनों पत्‍नियों के रूप में पुनः प्राप्त हुई [वा. रा. कि. २६] ; वालिन् एवं राम दाशरथि देखिये । इसी समय वालिन् के पुत्र अंगद को किष्किंधा का यौवराज्याभिषेक किया गया ।
सुग्रीव n.  इसके राज्याभिषेक के पश्चात् राम एवं लक्ष्मण चार महीनों तक प्रस्त्रवण पर्वत पर रहे । इस समय, यह विषयसुखों में इतना निमग्न रहा कि, एक बार भी रामलक्ष्मण को मिलने न गया [वा. रा. कि. ३१.२३, ३९, ३३.४३, ४८, ५४,५५] । इस कारण लक्ष्मण ने स्वयं किष्किंधा नगरी में जा कर इसकी अत्यंत कटु आलोचना की, एवं वह उसका वध करने के लिए प्रवृत्त हुआ । इस समय तारा ने लक्ष्मण की प्रार्थना कि, वह इसे क्षमा करे । स्वयं सुग्रीव भी जाथ जोड़ कर खड़ा हुआ, एवं इसने अपने अकृतज्ञता के लिए लक्ष्मण से बार बार क्षमा माँगी ।
सुग्रीव n.  पश्चात् यह स्वयं सीता की खोज करने जाने के लिए प्रवृत्त हुआ, किंतु हनुमत् ने इसे परावृत्त किया, एवं चारों दिशाओं में सीता को ढूँढने के लिए वानरदूत भेज दिये, जिनमें दक्षिण दिशा के वानरों का नेतृत्व उसने स्वयं स्वीकृत किया । इसी समय हनुमत् ने इसे उपदेश दिया कि, यह अपने वचनों का ख्याल कर राम के उपकारों का बदला योग्य प्रकार से चुकाये । हनुमत् का यह उपदेश सुन कर, इसे अपने कृतकर्म का पश्चात्ताप हुआ, एवं सीता की मुक्तता करने के लिए अपनी सारी सेना सुसज्ज रखने की आज्ञा इसने अपने सेनापति नील को दी ।
सुग्रीव n.  हनुमत् के द्वारा सीता का शोध लगाये जाने पर इसने समस्त वानरसेना एकत्रित कर रावण पर आक्रमण करने की तैयारी की। लंका पर आक्रमण करने के लिए समुद्र में सेतु बँधवाने की कल्पना भी इसीने ही राम को दी, एवं उसको धीरज बँधाया । पश्चात् अपनी संपूर्ण सेना के साथ यह समुद्रतट पर आ पहुँचा [वा. रा. यु. २] । समुद्रतट पर पहुँचते ही रावण ने इसे संदेश भेजा की यह राम की सहायता न करे, किन्तु यह अपने निश्र्चय पर अटल रहा, एवं इसने रावण को प्रतिसंदेश भेजा। न मेऽसि मित्रं न तथानुकम्प्यो, न चोपकर्तासि न मे प्रियोऽसि । अरिश्र्च रामस्य महानुबन्धः, स मेऽसि वालीव वधार्ह वध्यः॥ (तुम मेरे मित्र, उपकारकर्ता, प्रिय एवं मेरे प्रति दया भावना रखनेवाले नहीं हो। मेरे मित्र राम के तुम शत्रु होने के कारण, वालिन् की भाँति तुम भी वध करने योग्य ही हो) । बाद में यह स्वयं छलांग मार कर रावण के राजप्रासाद में पहुँच गया, जहाँ इसने उसका मुकुट गिरा दिया । इस प्रकार राम रावण युद्ध प्रारंभ हुआ [वा. रा. यु. ४०]
सुग्रीव n.  इस युद्ध में इसने एवं इसकी वानरसेना ने अत्यधिक पराक्रम दिखाया । इसने निम्नलिखित राक्षसों के साथ युद्ध कर उनका वध कियाः-- १. कुंभकर्णपुत्र कुंभ [वा. रा. यु. ७५-७६] ; २. रावणसेनापति विरूपाक्ष; ३. रावणसेनापति महोदर [वा. रा. यु. ९७] । कुंभकर्ण एवं रावण से भी इसने युद्ध किया था, जिन दोनों युद्धों में यह उनके हाथों परास्त हुआ [वा. रा. यु. ५९.६७] । रामरावणयुद्ध में लक्ष्मण जब मूर्च्छित हुआ, तब इसने वानरसेना का धीरज बाँध कर मूर्च्छित लक्ष्मण को युद्धभूमि से उठाया, एवं शिबिर पहुँचा दिया [वा. रा. यु. ५०] । कुंभकर्णवध के पश्चात् इसने हनुमत् को आज्ञा दी कि, लंका को लाग लगा दी जाये । हनुमत् के द्वारा वैसा ही किये जाने पर लंका के सभी राक्षस इधर उधर भागने लगे । उस समय इसने लंका के सभी दरवाजे रोक कर राक्षसों का संहार किया ।
सुग्रीव n.  राम रावण युद्ध सुमाप्त होने पर, राम दाशरथि का राज्यारोहणसमारंभ अयोध्या में संपन्न हुआ, जहाँ यह अपने समस्त परिवार के साथ उपस्थित हुआ था । उस समारोह में राम ने इसका अत्यधिक सत्कार किया, एवं युद्ध में यशस्विता प्राप्त होने का बहुत सारा श्रेय इसे प्रदान किया [वा. रा. १२३-१२८] । बाद में राम ने जब देहत्याग किया, तब किष्किंधा के राजगद्दी पर अंगद को बिठा कर इसने भी मृत्यु स्वीकार ली ।
सुग्रीव n.  वाल्मीकि रामायण में सुग्रीव का महत्त्व राजनैतिक है, जहाँ इसे ‘शरण्य’ (शरण जाने के लिए योग्य) कहा गया है । इसकी मैत्री के कारण राम दाशरथि सीता को पुनः प्राप्त कर सका, जिस संबंध में इसकी प्रशंसा राम के द्वारा भी की गयी है [वा. रा. कि. ७. १७-१८] । सुग्रीव कुशल सैन्यसंचालक था, एवं इसका भौगोलिक ज्ञान भी परमकोटि का था [वा. रा. कि. ४.१७-२९, ४१. ७-४५, ४२. ६-४९]
सुग्रीव n.  वाल्मीकि रामायण में इसके चरित्र के निम्नलिखित दोषों का निर्देश अंगद के द्वारा किया गया हैं - १. मायाविन् राक्षस के युद्ध के समय वालिन् को गुफा में बन्द करना; २. वालिवध के पश्चात् वालिपत्‍नी तारा का अपहरण करना; ३. राम दाशरथि को दिये गये वचन का भंग करना [वा. रा. कि. ५५.२-५]
सुग्रीव n.  इसकी तारा एवं रुमा नामक दो पत्‍नियाँ थी । इसके विजनवास में इसके दोनों पत्‍नियों को इसके भाई वालिन् ने भ्रष्ट किया [वा. रा. कि. १८-२२] । वालिन्वध के पश्चात् इसे पुनः राज्यप्राप्ति होने पर, इसकी ये दोनों पत्‍नियाँ पुनः एक बार इसके पास रहने लगी। इसकी मोहना नामक अन्य एक पत्नी का निर्देश भी प्राप्त है [पद्म. पा. ६०] । इसका कोई पुत्र न था, जिस कारण इसकी मृत्यु के पश्चात् अंगद किष्किंधा नगरी का राजा बन गया ।
सुग्रीव n.  तुलसी द्वारा विरचित मानस में सुग्रीव का चरित्रचित्रण एक राजनीतिज्ञ के नाते नहीं, बल्कि राम के एक शरणापन्न सेवक एवं सखा के नाते किया गया है । इसी कारण राम से इसकी मित्रता राजनैतिक गठबंधन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक एकात्मता है, जो इसके निष्कपट हृदय का द्योतक है । इसी कारण ‘मानस’ का सुग्रीव राम के परिवार के अन्य लोगों की भाँति केवल निमित्तमात्र ही है, इसकी असली प्रेरक शक्ति तो स्वयं राम ही है ।

सुग्रीव     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  रामाचो इश्ट आशिल्लो आनी जाणें राम-रावण झुजांत रामाची खूब मदत केल्ली असो माकडांचो राजा   Ex. सुग्रीव किष्किंधाचो राजा आशिल्लो
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benসুগ্রীব
gujસુગ્રીવ
hinसुग्रीव
kanಸುಗ್ರೀವಾ
kasسُگرٛیٖو , کٔپیٖش
malസുഗ്രീവന്
marसुग्रीव
oriସୁଗ୍ରୀବ
panਸੁਗਰੀਵ
sanसुग्रीवः
tamசுக்ரீவன்
telసుగ్రీవుడు
urdسوگریو , تاراپتی , تاریش , کپیش , تاراناتھ , ارکج

सुग्रीव     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
Handsome-necked.

सुग्रीव     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  The monkey-king friend of Ramchandra.
  Handsome-necked.

सुग्रीव     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  किष्किंधेचा वानरराजा व श्रीरामाचा मित्र   Ex. रावणाशी झालेल्या युद्धात सुग्रीवाने रामाची मदत केली
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benসুগ্রীব
gujસુગ્રીવ
hinसुग्रीव
kanಸುಗ್ರೀವಾ
kasسُگرٛیٖو , کٔپیٖش
kokसुग्रीव
malസുഗ്രീവന്
oriସୁଗ୍ରୀବ
panਸੁਗਰੀਵ
sanसुग्रीवः
tamசுக்ரீவன்
telసుగ్రీవుడు
urdسوگریو , تاراپتی , تاریش , کپیش , تاراناتھ , ارکج
adjective  चांगल्या किंवा सुंदर मानेचा   Ex. मंचावर एक सुग्रीव रमणी बसली आहे.
MODIFIES NOUN:
व्यक्ती
ONTOLOGY:
गुणसूचक (Qualitative)विवरणात्मक (Descriptive)विशेषण (Adjective)
Wordnet:
bdगोदोना फंलें
benসুন্দর গ্রীবাযুক্ত
gujસુગ્રીવ
kasخوبصوٗرَت گَردَن واجیٚنۍ
kokसुंदर मानेचें
malസുഗ്രീവയായ
oriସୁଗ୍ରୀବା
panਮੋਰ ਵਰਗੀ
sanसुग्रीवा
tamகழுத்தழகான
telమంచిముఖం కలిగిన
urdخوبصورت گردن والا

सुग्रीव     

 पु. किष्किंधेचा वानरराजा व श्रीरामाचा मित्र . - वि . चांगल्या मानेचा . ( सु + ग्रीव )

सुग्रीव     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
सु—ग्रीव  mfn. mfn. handsome-necked, having a beautiful neck
ROOTS:
सु ग्रीव
सु—ग्रीव  f. m. (ifc.f(). ) N. of a monkey-king (who, with his army of monkeys headed by हनुमत्, assisted रामचन्द्र in conquering रावण; he was believed to be the son of the Sun, and was re-established by राम in the throne of किष्किन्ध [q.v.], usurped by his brother वालिन्), [MBh.] ; [R.] &c.
ROOTS:
सु ग्रीव
सु—ग्रीव  m. m. of one of the four horses of कृष्ण or विष्णु (the other three being बलाहक, मेघ-पुष्प, and शैव्य), [MBh.] ; [Hariv.] ; [BhP.]
ROOTS:
सु ग्रीव
of a divine being, [VarBṛS.]
of the father of the ninth अर्हत् of the present अवसर्पिणी, [L.]
a kind of pavilion, [Vāstuv.]
(only [L.] ) a conch
N. of शिव or इन्द्र
a goose
a hero
a piece of water
N. of a mountain
a sort of weapon
the countenance of a friend
a serpent of पाताल, [W.]
सु—ग्रीव  f. f( or ). N. of an अप्सरस्, [Hariv.]
ROOTS:
सु ग्रीव

सुग्रीव     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
सुग्रीव  mfn.  (-वः-वा-वं) Handsome-necked.
 m.  (-वः)
1. One of the horses of of KRISHṆA'S car.
2. A monkey-king, the son of the sun, and sovereign of Kishkindhyā, and friend and confederate of RĀMA CHANDRA.
3. The father of the ninth Jina of the present age. 4. ŚIVA.
5. INDRA.
6. A goose.
7. A hero.
8. A piece of water. 9. The name of a mountain.
10. A sort of weapon.
11. The countenance of a friend.
12. A serpent of Pātāla.
E. सु handsome, and ग्रीवा a neck.
ROOTS:
सु ग्रीवा

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सुग्रीव   সুগ্রীব   सुग्रीवः   ਸੁਗਰੀਵ   சுக்ரீவன்   ସୁଗ୍ରୀବ   సుగ్రీవుడు   സുഗ്രീവന്   સુગ્રીવ   ಸುಗ್ರೀವಾ   सुगल   मर्कटपाल   कपींद्र   तारेश   तारानाथ   कपीश   कपीश्वर   सुगळ   निःसुग्रीव   शाखामृगानीकपति   हरीश   रविनन्द   ताराधीश   अकिल्बिष   ऋक्षहरीश्वर   सुग्रीवेश   रविनंद   रविनंदन   रुष्यमूक दोंगर   ऋष्यमूक पर्वत   वानरेन्द्र   ताराधिप   मरवाना   आदित्यसूनु   कपीज्य   विजयीमाळ   जामवंत   कपीन्द्र   कंधा   रविनन्दन   रामसख   दोस्ती   तारापति   टेनिस   आर्कि   अर्कज   अर्कतनय   कुंभनिकुंभ   पंचमेढ्र   वालिन्   रुमा   किष्किंधा   मोहना   द्विविद   प्रघस   अंगद   वानर   कबंध   ९०   साहसिक   बाली   भ्रातृ   दधिमुख   नीळ   शहाण्णव कुळी   शाण्णव कुळी   शाण्णवकुळीचे राजे   प्रभाव   विरूपाक्ष   हनुमत् , हनूमत्   ऋक्षरजस्   केसरी   शंखचूड   मैंद   रवि   कुंभकर्ण   कोण   किष्किन्धा   रात   भानु   महोदर   नळ   तारा   विभीषण   इंद्रजित्   सुरथ   लक्ष्मण   राम   तार      सूर्य      रावण   कृष्ण   હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત   ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା   વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે   સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના   ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને   બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી   
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