संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुराण|श्री स्कंद पुराण|अवन्तीखण्ड|रेवा खण्डम्| अध्याय ७४ रेवा खण्डम् अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ अध्याय ७२ अध्याय ७३ अध्याय ७४ अध्याय ७५ अध्याय ७६ अध्याय ७७ अध्याय ७८ अध्याय ७९ अध्याय ८० अध्याय ८१ अध्याय ८२ अध्याय ८३ अध्याय ८४ अध्याय ८५ अध्याय ८६ अध्याय ८७ अध्याय ८८ अध्याय ८९ अध्याय ९० अध्याय ९१ अध्याय ९२ अध्याय ९३ अध्याय ९४ अध्याय ९५ अध्याय ९६ अध्याय ९७ अध्याय ९८ अध्याय ९९ अध्याय १०० अध्याय १०१ अध्याय १०२ अध्याय १०३ अध्याय १०४ अध्याय १०५ अध्याय १०६ अध्याय १०७ अध्याय १०८ अध्याय १०९ अध्याय ११० रेवा खण्डम् - अध्याय ७४ भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे. Tags : puransanskrutskand puranपुराणसंस्कृतस्कन्द पुराण अध्याय ७४ Translation - भाषांतर श्रीमार्कण्डेय उवाच -रेवाया उत्तरे कूले तीर्थं परमशोभनम् ।सर्वपापहरं मर्त्ये नाम्ना वै गौतमेश्वरम् ॥१॥स्थापितं गौतमेनैव लोकानां हितकाम्यया ।स्वर्गसोपानरूपं तु तीर्थं पुंसां युधिष्ठिर ॥२॥तत्र गच्छ परं भक्त्या यत्र देवो जगद्गुरुः ।पातकस्य विनाशार्थं स्वर्गवासप्रदस्तथा ॥३॥सौभाग्यवर्द्धनं तीर्थं जयदं दुःखनाशनम् ।पिण्डदानेन चैकेन कुलानामुद्धरेत्त्रयम् ॥४॥यत्किंचिद्दीयते भक्त्या स्वल्पं वा यदि वा बहु ।तत्सर्वं शतसाहस्रमाज्ञया गौतमस्य हि ॥५॥तीर्थानां परमं तीर्थं स्वयं रुद्रेण भाषितम् ॥६॥॥ इति श्रीस्कान्दे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां पञ्चमावन्त्यखण्डे रेवाखण्डे गौतमेश्वरतीर्थमाहात्म्यवर्णनं नाम चतुःसप्ततितमोऽध्यायः ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 11, 2024 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP