संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुराण|श्री स्कंद पुराण|अवन्तीखण्ड|रेवा खण्डम्| अध्याय १०१ रेवा खण्डम् अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ अध्याय ७२ अध्याय ७३ अध्याय ७४ अध्याय ७५ अध्याय ७६ अध्याय ७७ अध्याय ७८ अध्याय ७९ अध्याय ८० अध्याय ८१ अध्याय ८२ अध्याय ८३ अध्याय ८४ अध्याय ८५ अध्याय ८६ अध्याय ८७ अध्याय ८८ अध्याय ८९ अध्याय ९० अध्याय ९१ अध्याय ९२ अध्याय ९३ अध्याय ९४ अध्याय ९५ अध्याय ९६ अध्याय ९७ अध्याय ९८ अध्याय ९९ अध्याय १०० अध्याय १०१ अध्याय १०२ अध्याय १०३ अध्याय १०४ अध्याय १०५ अध्याय १०६ अध्याय १०७ अध्याय १०८ अध्याय १०९ अध्याय ११० रेवा खण्डम् - अध्याय १०१ भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे. Tags : puransanskrutskand puranपुराणसंस्कृतस्कन्द पुराण अध्याय १०१ Translation - भाषांतर श्रीमार्कण्डेय उवाच -ततो गच्छेत्तु राजेन्द्र तीर्थं परमशोभनम् ।उत्तरे नर्मदाकूले यज्ञवाटस्य मध्यतः ॥१॥संकर्षणमिति ख्यातं पृथिव्यां पापनाशनम् ।तपश्चीर्णं पुरा राजन्बलभद्रेण तत्र वै ॥२॥गीर्वाणा अपि तत्रैव संनिधौ नृपनन्दन ।उमया सहितः शम्भुः स्थितस्तत्रैव केशवः ॥३॥बलभद्रेण राजेन्द्र प्राणिनामुपकारतः ।स्थापितः परया भक्त्या शङ्करः पापनाशनः ॥४॥यस्तत्र स्नाति वै भक्त्या जितक्रोधो जितेन्द्रियः ।एकादश्यां सिते पक्षे मधुना स्नापयेच्छिवम् ॥५॥श्राद्धं तत्रैव यो भक्त्या पित्ःणामथ दापयेत् ।स याति परमं स्थानं बलभद्रवचो यथा ॥६॥॥ इति श्रीस्कान्दे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां पञ्चम आवन्त्यखण्डे रेवाखण्डे संकर्षणतीर्थमाहात्म्यवर्णनं नामैकाधिकशततमोऽध्यायः ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 12, 2024 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP