संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुराण|श्री स्कंद पुराण|नागरखण्ड| अध्याय ३९ नागरखण्ड अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७ अध्याय ५८ अध्याय ५९ अध्याय ६० अध्याय ६१ अध्याय ६२ अध्याय ६३ अध्याय ६४ अध्याय ६५ अध्याय ६६ अध्याय ६७ अध्याय ६८ अध्याय ६९ अध्याय ७० अध्याय ७१ अध्याय ७२ अध्याय ७३ अध्याय ७४ अध्याय ७५ अध्याय ७६ अध्याय ७७ अध्याय ७८ अध्याय ७९ अध्याय ८० अध्याय ८१ अध्याय ८२ अध्याय ८३ अध्याय ८४ अध्याय ८५ अध्याय ८६ अध्याय ८७ अध्याय ८८ अध्याय ८९ अध्याय ९० अध्याय ९१ अध्याय ९२ अध्याय ९३ अध्याय ९४ अध्याय ९५ अध्याय ९६ अध्याय ९७ अध्याय ९८ अध्याय ९९ अध्याय १०० अध्याय १०१ अध्याय १०२ अध्याय १०३ अध्याय १०४ अध्याय १०५ अध्याय १०६ अध्याय १०७ अध्याय १०८ अध्याय १०९ अध्याय ११० अध्याय १११ अध्याय ११२ अध्याय ११३ अध्याय ११४ अध्याय ११५ अध्याय ११६ अध्याय ११७ अध्याय ११८ अध्याय ११९ अध्याय १२० अध्याय १२१ अध्याय १२२ अध्याय १२३ अध्याय १२४ अध्याय १२५ अध्याय १२६ अध्याय १२७ अध्याय १२८ अध्याय १२९ अध्याय १३० अध्याय १३१ अध्याय १३२ अध्याय १३३ अध्याय १३४ अध्याय १३५ अध्याय १३६ अध्याय १३७ अध्याय १३८ अध्याय १३९ अध्याय १४० अध्याय १४१ अध्याय १४२ अध्याय १४३ अध्याय १४४ अध्याय १४५ अध्याय १४६ अध्याय १४७ अध्याय १४८ अध्याय १४९ अध्याय १५० अध्याय १५१ अध्याय १५२ अध्याय १५३ अध्याय १५४ अध्याय १५५ अध्याय १५६ अध्याय १५७ अध्याय १५८ अध्याय १५९ अध्याय १६० अध्याय १६१ अध्याय १६२ अध्याय १६३ अध्याय १६४ अध्याय १६५ अध्याय १६६ अध्याय १६७ अध्याय १६८ अध्याय १६९ अध्याय १७० अध्याय १७१ अध्याय १७२ अध्याय १७३ अध्याय १७४ अध्याय १७५ अध्याय १७६ अध्याय १७७ अध्याय १७८ अध्याय १७९ अध्याय १८० अध्याय १८१ अध्याय १८२ अध्याय १८३ अध्याय १८४ अध्याय १८५ अध्याय १८६ अध्याय १८७ अध्याय १८८ अध्याय १८९ अध्याय १९० अध्याय १९१ अध्याय १९२ अध्याय १९३ अध्याय १९४ अध्याय १९५ अध्याय १९६ अध्याय १९७ अध्याय १९८ अध्याय १९९ अध्याय २०० नागरखण्डः - अध्याय ३९ भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे. Tags : puransanskrutskand puranपुराणसंस्कृतस्कन्द पुराण अध्याय ३९ Translation - भाषांतर ॥सूत उवाच ॥तस्यैवोत्तरदिग्भागे धुन्धुमारेश्वरस्य च ॥ययातिना नरेंद्रेण स्थापितं लिंगमुत्तमम् ॥१॥देवयान्या तथान्यच्च तथा शर्मिष्ठया द्विजाः ॥भार्यया भूपतेस्तस्य सर्वकामफलप्रदम् ॥२॥स यदा सर्वभोगानां तृप्तिं प्राप्तो द्विजोत्तमाः ॥तदा पुत्रस्य राज्यं स्वं वपुश्चैव न्यवेदयत् ॥३॥जरामादाय तद्गात्राद्भार्याभ्यां सहितस्तदा ॥पप्रच्छ विनयोपेतो मार्कंडं मुनिसत्तमम् ॥४॥भगवन्सर्वतीर्थानां क्षेत्राणां च वदस्व मे ॥यत्प्रधानं पवित्रं यत्तदस्माकं प्रकीर्तय ॥५॥ ॥श्रीमार्कंडेय उवाच ॥क्षेत्राणामिह सर्वेषां तीर्थैः सर्वैरलंकृतम् ॥चमत्कारपुरं क्षेत्रं सांप्रतं प्रतिभाति नः ॥६॥यत्र विष्णुपदी गंगा जंतूनां पापनाशिनी ॥स्वयं स्थिता नृपश्रेष्ठ तथा देवा हरादयः ॥७॥तथान्यानि च तीर्थानि यानि संति धरातले ॥तेषां यत्र च सांनिध्यं सर्वदा नृपसत्तम ॥८॥शिला यत्र द्विपञ्चाशद्धस्तानां परिसंख्यया ॥पितामहेन निर्मुक्ता प्रमोदाय द्विजन्मनाम् ॥९॥यदन्यत्र शुभं कर्म वर्षेणैकेन सिध्यति ॥तत्तत्र दिवसेनापि सिद्धिं याति क्षितीश्वर ॥१०॥तस्मात्तत्र द्रुतं गत्वा तपः कुरु महीपते ॥येन प्राप्स्यसि चित्तस्थाँल्लोकान्भार्यासमन्वितः ॥११॥तस्य तद्वचनं श्रुत्वा स राजा नहुषात्मजः ॥चमत्कारपुरे क्षेत्रे भार्याभ्यां सहितो ययौ ॥१२॥ततः संस्थाप्य तल्लिंगं देवदेवस्य शूलिनः ॥सम्यगाराधयामास श्रद्धया परया युतः ॥१३॥ततस्तस्य प्रभावेन भार्याभ्यां सहितो नृपः ॥विमानवरमारूढो जगाम त्रिदिवालयम् ॥१४॥किन्नरैर्गीयमानश्च स्तूयमानश्च चारणैः ॥स्पर्द्धमानः समं देवैर्द्वादशार्कसमप्रभः ॥१५॥इति श्रीस्कांदे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां षष्ठे नागरखण्डे हाटकेश्वरक्षेत्रमाहात्म्ये ययातीश्वरमाहात्म्यवर्णनंनामैकोनचत्वारिंशोऽध्यायः ॥३९॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2024 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP